:: सारांश सुराना का ऐतिहासिक ऑलराउंड प्रदर्शन; फाइनल में भोपाल को 5 विकेट से दी शिकस्त :: इंदौर (ईएमएस)। मध्य प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन द्वारा आयोजित लड़कों के अंडर-23 बहु-दिवसीय टूर्नामेंट परमानंद भाई पटेल ट्रॉफी में इंदौर संभाग ने एक बार फिर अपनी बादशाहत साबित की है। आरबीसीएफ मैदान पर खेले गए इस रोमांचक फाइनल मुकाबले में इंदौर ने भोपाल को 5 विकेट से पराजित कर रिकॉर्ड 9वीं बार खिताबी जीत दर्ज की। इंदौर की इस जीत के सूत्रधार सारांश सुराना रहे, जिन्होंने बल्ले से शानदार शतक और गेंद से पांच विकेट लेकर इतिहास रच दिया। मैच के महानायक सारांश सुराना ने खेल के हर विभाग में अपना लोहा मनवाया। इंदौर की पहली पारी में संकटमोचक की भूमिका निभाते हुए सारांश ने मात्र 84 गेंदों पर 101 रनों की आक्रामक पारी खेली, जिसमें 11 चौके और 6 छक्के शामिल थे। उनकी इस पारी ने इंदौर को 173 रनों की विशाल बढ़त दिलाने में मदद की। इसके बाद, जब भोपाल दूसरी पारी में पलटवार कर रहा था, तब सारांश ने अपनी फिरकी का जादू चलाते हुए 96 रन देकर 5 विकेट चटकाए और भोपाल की बढ़त को सीमित कर दिया। उनके इस मैच विनिंग प्रदर्शन के लिए उन्हें मैन ऑफ द मैच चुना गया। भोपाल ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी चुनी, लेकिन इंदौर के धारदार आक्रमण, विशेषकर राम अन्वेष चावला (4/45) के सामने उनकी पारी 182 रनों पर सिमट गई। हालांकि, इंदौर पर बॉल कंडीशनिंग (गेंद की स्थिति बदलने) के कारण 5 रनों का जुर्माना लगा, जिससे भोपाल का स्कोर 187 दर्ज हुआ। भोपाल के लिए विकास शर्मा (71) ने अकेले संघर्ष किया। जवाब में इंदौर ने सारांश (101) और सलामी बल्लेबाज अंश यादव (62) की सूझबूझ भरी पारियों की बदौलत 360 रनों का विशाल स्कोर खड़ा किया। भोपाल के गेंदबाज तन्मय पांडे ने 5 विकेट जरूर लिए, लेकिन तब तक इंदौर बड़ी मनोवैज्ञानिक बढ़त हासिल कर चुका था। दूसरी पारी में भोपाल के प्रारब्ध मिश्रा ने 132 रनों की जुझारू पारी खेलकर मैच में जान फूँक दी। उन्होंने 314 मिनट तक क्रीज पर खूंटा गाड़ा। भोपाल ने 369 रन बनाए और इंदौर के सामने 197 रनों का चुनौतीपूर्ण लक्ष्य रखा। अंतिम दिन इंदौर के प्रणीत पाटीदार (58) और आयाम वर्मा (51*) ने बेहद धैर्य के साथ बल्लेबाजी की। पारी के दौरान एक दिलचस्प मोड़ तब आया जब भोपाल के फील्डर द्वारा फेंकी गई गेंद मैदान पर रखे हेलमेट से जा टकराई, जिससे इंदौर को क्रिकेट नियमों के तहत 5 पेनल्टी रन मिले। इंदौर ने 5 विकेट खोकर लक्ष्य हासिल कर जीत का जश्न मनाया। समापन समारोह में मुख्य अतिथि अमिताभ विजयवर्गीय (अध्यक्ष, क्रिकेट विकास समिति, एमपीसीए) ने विजेता टीम को ट्रॉफी सौंपी। इस अवसर पर मैच अंपायर पुष्पेंद्र एस. भदौरिया और राजेश तिमाने सहित एमपीसीए की सीनियर चयन समिति के सदस्य विशेष रूप से उपस्थित रहे। :: इंदौर का स्वर्णिम युग : 12 वर्षों का बेमिसाल दबदबा :: राजर्षि परमानंद पटेल की स्मृति में आयोजित होने वाला यह प्रतिष्ठित अंडर-23 टूर्नामेंट पिछले एक दशक से इंदौर संभाग की प्रतिभा का गवाह रहा है। वर्ष 2014-15 से लेकर अब तक के 12 सत्रों का विश्लेषण करें, तो यह स्पष्ट होता है कि इंदौर का क्रिकेट ढांचा और खिलाड़ियों की बेंच स्ट्रेंथ प्रदेश में सर्वश्रेष्ठ क्यों मानी जाती है। इंदौर ने पिछले 12 वर्षों में अविश्वसनीय रूप से 75% सफलता दर के साथ 9 बार ट्रॉफी पर कब्जा किया है। टीम के गौरवशाली सफर के पड़ाव इस प्रकार हैं: खिताबी जीत के वर्ष : 2014-15, 2016-17, 2017-18, 2018-19, 2019-20 (संयुक्त विजेता), 2021-22, 2022-23, 2023-24 और अब नवीनतम 2025-26। जब ट्रॉफी हाथ से फिसली : बीते 12 साल में इंदौर केवल तीन मौकों (2015-16, 2020-21 और 2024-25) पर खिताब जीतने से चूका है। विशेषज्ञों का मानना है कि इंदौर की इस निरंतर सफलता के पीछे एमपीसीए का मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर, स्थानीय क्लब क्रिकेट की सक्रियता और जमीनी स्तर पर प्रतिभाओं को तराशने की वैज्ञानिक पद्धति है। यह वर्चस्व न केवल इंदौर की श्रेष्ठता दर्शाता है, बल्कि अन्य संभागों के लिए एक मानक (बेंचमार्क) भी स्थापित करता है। :: संक्षिप्त स्कोरकार्ड :: भोपाल (पहली पारी) : 187/10 (विकास शर्मा 71, शिवंश चतुर्वेदी 55; अन्वेष चावला 4/45, सारांश 2/41) (इंदौर पर बॉल कंडीशनिंग के कारण 5 रन पेनल्टी लगी) इंदौर (पहली पारी) : 360/10 (सारांश सुराना 101, अंश यादव 62; तन्मय पांडे 5/94, तनिष्क यादव 3/75) भोपाल (दूसरी पारी) : 369/10 (प्रारब्ध मिश्रा 132, ओजस्व यादव 67; सारांश सुराना 5/96, अन्वेष 4/88) इंदौर (दूसरी पारी): 197/5 (प्रणीत पाटीदार 58, आयाम वर्मा 51*; प्रारब्ध मिश्रा 2/35) (भोपाल पर हेलमेट पर गेंद लगने के कारण 5 रन पेनल्टी लगी) परिणाम: इंदौर 5 विकेट से विजयी और चैंपियन। प्रकाश/30 दिसम्बर 2025