भाजपा संगठन की तारीफ कर अपने महत्व को जताया है पूर्व मुख्यमंत्री ने भोपाल (ईएमएस)। अगले साल मप्र में राज्यसभा की तीन सीटें खाली हो रही हैं। इनमें से एक सीट पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की है। दिग्विजय सिंह लगातार दो बार से सांसद हैं। सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस अब तीसरी बार उन्हें राज्यसभा भेजने के मूड में नहीं है। इसका संकेत दिग्विजय को मिल गया है। शायद यही वजह है कि गतदिनों सीडब्ल्यूसी की बैठक से पहले भाजपा संगठन की तारीफ कर दिग्विजय सिंह ने राज्यसभा जाने के लिए सियासी जाल बुना है। अब यह लाख टके का सवाल है कि मप्र से कांग्रेस किसको राज्यसभा भेजेगी। गौरतलब है कि इस साल जून में मप्र से राज्यसभा की तीन सीटें खाली हो रही हैं। इनमें से दो भाजपा की हैं और एक कांग्रेस के दिग्विजय सिंह की है। दिग्विजय सिंह अपना स्वघोषित वनवास समाप्त करने के बाद पिछले 12 साल से राज्यसभा में हैं। क्या कांग्रेस उनको तीसरे कार्यकाल के लिए भेजेगी? हालांकि कांग्रेस कार्य समिति की बैठक से पहले संगठन पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि हमलोगों का तो हो गया लेकिन नए लोगों का क्या होगा इसकी चिंता है। लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि वे राज्यसभा नहीं जाना चाहेंगे। उनकी उम्र 78 साल है और वे पूरी तरह से फिट हैं। 82 साल के मल्लिकार्जुन खडग़े राज्यसभा में पार्टी के नेता और राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। उनके अलावा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी के नाम की भी चर्चा है। दशकों में पहली बार ऐसा है कि कमलनाथ या उनके परिवार का कोई सदस्य न तो विधानसभा में है और न संसद में। वे भी अपने बेटे नकुलनाथ के लिए हाथ पैर मारते बताए जा रहे हैं। दिग्विजय सिंह मप्र के उन नेताओं में शामिल हैं, जिन्होंने खुद के राजनीति में सक्रिय रहते ही अपने बेटे को पार्टी एवं राज्य की राजनीति में स्थापित कर दिया है। उनके बेटा जयवर्धन सिंह गुना जिले की राघौगढ़ सीट से तीसरी बार विधायक हैं। कमलनाथ सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रह चुके हैं। दिग्विजय की गुगली के निकाले जा रहे मायने राजनीति के मंजे खिलाड़ी कहे जाने वाले दिग्विजय सिंह द्वारा सोशल मीडिया पर फोटो अपलोड कर भाजपा संगठन की तारीफ करने के पीछे राजनीतिक जानकार दिग्विजय सिंह की फेंकी गई गुगली बता रहे हैं। क्योंकि दिग्विजय सिंह अगले साल यानी 21 जून को राज्यसभा का दूसरा कार्यकाल पूरा कर रहे हैं। कांग्रेस में दिग्विजय सिंह इकलौते ऐसे नेता हैं, जो अपने बयान या पोस्ट को लेकर अक्सर सुर्खियों में रहते हैं। पूर्व में भी दिग्विजय सिंह विरोधी दल एवं संगठनों को लेकर बयान देकर विवादों में रहते आए हैं। इसके पीछे दिग्विजय सिंह की गहरी राजनीतिक चालें रही हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि दो दिन पहले दिग्विजय सिंह द्वारा एक बेवसाइट से भाजपा नेताओं से जुड़ा फोटो डाउनलोड करके खुद के सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर डाउनलोड करने के साथ भाजपा संगठन की तारीफ करना सहज नहीं है। इसके पीछे भी दिग्विजय सिंह की छिपी हुई गहरी राजनीतिक चाल समझी जा रही है। वे अभी भी पार्टी में आगे की पारी खेलने के इच्छुक हैं। क्योंकि राज्यसभा सांसद के रूप में उनका कार्यकाल अगले साल पूरी होने जा रहा है। दिग्विजय घर बैठने वाले नेताओं में नहीं अक्सर राजनीतिक दल राज्यसभा के लगातार दो कार्यकाल के बाद नेताओं को तीसरी बार या उससे आगे मौका देने से परहेज करते रहे हैं। हालाकि कुछ नेताओं के लिए यह अपवाद रहा है। ऐसा माना जा रहा है कि विरोधी दल के संगठन की तारीफ करके दिग्विजय सिंह ने यह साबित करने की कोशिश की है कि उनका अभी भी पार्टी में वजूद है। ऐसे में हो सकता है कि वे तीसरी बार राज्यसभा के लिए निर्वाचित हो जाएं या फिर संगठन में उन्हें कोई में अन्य जिम्मेदारी मिले। राजनीतिक जानकार बताते हैं कि भले हो कांग्रेस पार्टी दिग्विजय सिंह को राज्यसभा के लिए तीसरी बार नहीं भेजे, लेकिन वे राजनीति से संन्यास लेकर घर बैठने वाले नेता नहीं है। राजनीति में करीब 54 साल से सक्रिय दिग्विजय सिंह 78 साल की उम्र में भी काफी सक्रिय हैं। मप्र कांग्रेस के दूसरे अन्य हमउम्र नेताओं में दिग्विजय ही इकलौते ऐसे नेता हैं, जो पार्टी की लगभग हर गतिविधियों में सक्रिय हैं। सोशल मीडिया पर देश एवं प्रदेश की राजनीति में अक्सर सक्रिय रहते हैं। हालांकि मप्र कांग्रेस के एक खेमे के नेता का यह मानना है कि दिग्विजय सिंह ने यूं ही गुगली नहीं फेंकी है। इसके परिणाम तो दूरगामी होंगे। विनोद/ 31 दिसम्बर /2025