अब 5 चरणों की देनी होगी जानकारी भोपाल (ईएमएस)। अब प्रधानमंत्री आवास योजना-2.0 के लाभार्थियों को इंटरनेट आधारित जियो टैगिंग से जोड़ा जाएगा। योजना में पारदर्शिता लाने के लिए निर्माण कार्यों के पांचों चरणों की जानकारी देनी होगी। खास बात यह है कि प्रत्येक चरण की जानकारी को पर्यवेक्षक की मदद से भुवन वेबपोर्टल पर अपलोड करना अनिवार्य होगा। जानकारों का कहना है कि योजना के तहत अब शासन की सहायता से मकान निर्माण में फर्जीवाड़े की गुंजाइश लगभग खत्म हो जाएगी। दरअसल, बेनीफिशियरी लेड कंस्ट्रक्शन (बीएलसी) घटक के अंतर्गत बनने वाले आवासों की निगरानी अब भारत सरकार द्वारा विकसित जियो टैगिंग ऐप से की जाएगी। पहले जहां केवल एक बार जियो टैगिंग होती थी, अब मकान निर्माण के अलग-अलग चरणों में पांच बार जियो टैगिंग अनिवार्य कर दी गई है। इसके बाद ही अनुदान की राशि हितग्राही के खाते में जारी होगी। नगरीय विकास एवं आवास विभाग के अनुसार, पीएम आवास-2.0 में बीएलसी घटक के तहत. अपनी जमीन पर मकान बनाने वाले हितग्राही को कुल 2.5 लाख रुपए की सहायता दी जाएगी। इसमें 1.5 लाख रुपए केंद्र सरकार और 1 लाख रुपए राज्य सरकार की ओर से मिलेंगे। यह सहायता केवल नए मकान के निर्माणं के लिए होगी। मकान के विस्तार या नवीनीकरण के लिए अनुदान नहीं मिलेगा। जियो टैगिंग के माध्यम से यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि वास्तव में नया मकान ही बनाया जा रहा है। अधिकारियों के अनुसार बीएलसी घटक के आवासों की हर तीन माह में जियो टैगिंग कराई जाएगी। पहली बार खाली प्लॉट की, इसके तीन माह बाद फाउंडेशन या प्लिंथ लेवल की, 6 महीने बाद लिन्टेल लेवल की, 9 माह बाद रूफ लेवल की और 12 महीने बाद मकान पूरा होने की जियो टैगिंग की जाएगी। टैगिंग की प्रगति पर पहली किश्त काम शुरू होने पर 1 लाख, उसके बाद फिर अलग-अलग चरणों पर मिलेगी। यदि हितग्राही 3 माह में निर्धारित स्तर का निर्माण पूरा नहीं कर पाता है तो निकाय नोटिस जारी करेगा। यदि 15 माह में भी निर्माण पूर्ण नहीं होने पर 3 माह की मोहलत अंतिम नोटिस के रूप में दी जाएगी। 18 महीने में भी काम पूरा नहीं होने पर आवास सरेंडर कराया जाएगा। ये होंगे पांच चरण प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत भूमि अथवा नींव, नीचे की चौकी, चौखट, सरदल का चरण, छत का चरण व निर्माण कार्य संपन्न होने का चरण। चरणों के अनुसार ही धनराशि का भुगतान किया जाएगा। प्रथम चरण का कार्य पूरा होने पर पर्यवेक्षक द्वारा निर्माणाधीन भवन की जियो टैगिंग पद्धति के साथ फोटो खींचनी होगी व उसे भुवन वेब पोर्टल पर अपलोड करना अनिवार्य होगा। लाभार्थियों को आरंभ में दो किश्तों में राशि का भुगतान किया जाएगा। इससे फर्जीवाड़े पर प्रभावी रोक, अनुदान का पारदर्शी उपयोग,निर्माण की गुणवत्ता और समयबद्धता सुनिश्चित, हितग्राहियों को समय पर सहायता, शासन स्तर पर बेहतर निगरानी होगी। नए प्रावधान के अनुसार, मकान निर्माण के पांच चरणों में अनिवार्य जियो टैगिंग, केवल नए मकान के लिए अनुदान, विस्तार या मरम्मत पर रोक, निर्माण की प्रगति के आधार पर किश्तों में राशि जारी, 12 माह में निर्माण पूरा करना अनिवार्य , तय समय सीमा में काम न होने पर नोटिस और सरेंडर की कार्रवाई होगी। विनोद/ 31 दिसम्बर /2025