राज्य
31-Dec-2025


मप्र सहरिया विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष बोले भोपाल (ईएमएस)। मध्यप्रदेश सहरिया विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष और दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री सीताराम आदिवासी का दर्द छलका है। सीताराम कांग्रेस छोडक़र बीजेपी में आए पूर्व मंत्री रामनिवास रावत से परेशान हैं। उन्होंने कहा कि मैं वर्तमान में मंत्री हूं। इसके बावजूद न तो बैठकों में बुलाया जा रहा और न ही कोई सम्मान दिया जा रहा है। जबकि रावत को हर स्तर पर तवज्जो मिल रही है। सीताराम ने कहा कि हाल ही में जिले में हुई बैठक में उन्हें आमंत्रित तक नहीं किया गया। जब वे पिछली बैठक में गए थे, तो वहां भी उनका कोई सम्मान नहीं हुआ। मुख्यमंत्री भी रावत को ही तवज्जो देते हैं। सीताराम ने तीखे शब्दों में कहा कि मैं वर्तमान में मंत्री हूं, जबकि रामनिवास रावत किसी पद पर नहीं हैं। इसके बावजूद मुख्यमंत्री, कलेक्टर और प्रभारी मंत्री सभी उन्हें प्राथमिकता दे रहे हैं। समझ नहीं आता कि मुख्यमंत्री बार-बार रामनिवास को तवज्जो क्यों दे रहे हैं, जबकि क्षेत्र में उनकी कोई राजनीतिक हैसियत नहीं है। लोकसभा चुनाव को लेकर भी सीताराम ने कहा कि रामनिवास ने नहीं, बल्कि उनकी विधानसभा क्षेत्र के आदिवासियों ने भाजपा के सांसद को जिताया है। उन्होंने दावा किया कि रावत समाज के 10-15 हजार वोटों से चुनाव नहीं जीता जा सकता, बल्कि पूरे ट्राइबल क्षेत्र के आदिवासियों ने एकजुट होकर मतदान किया था। इसके बावजूद मुख्यमंत्री बार-बार रामनिवास को श्रेय दे रहे हैं। मुझे टिकट नहीं दिया तो आदिवासी नाराज हो गए सीताराम ने कहा कि विजयपुर, जौरा और बमोरी जैसी 10-15 विधानसभा सीटें आदिवासी वोटों से ही तय होती हैं। जब मुझे टिकट नहीं दिया गया, तो आदिवासी नाराज हो गए और भाजपा पूरी सीट हार गई। सीताराम ने आरोप लगाया कि रामनिवास रावत की वजह से पूरे क्षेत्र का माहौल खराब हो रहा है। उन्होंने कहा कि रामनिवास जनता का काम नहीं करते, सिर्फ जमीन के पीछे पड़े रहते हैं। आदिवासियों की जमीनों पर दबाव बनवाया जा रहा है। भले ही रामनिवास किसी पद पर न हों, लेकिन मुख्यमंत्री का पूरा संरक्षण उन्हें हासिल है। सहरिया विकास प्राधिकरण को नहीं दे रहे बजट सीताराम ने यह भी आरोप लगाया कि सहरिया विकास प्राधिकरण के लिए बजट नहीं दिया जा रहा, जबकि रामनिवास से जुड़े हर प्रस्ताव पर फौरन दस्तखत हो जाते हैं। मुख्यमंत्री को किसी एक व्यक्ति के भरोसे नहीं रहना चाहिए, क्योंकि इससे पार्टी की छवि लगातार खराब हो रही है। सीताराम आदिवासी ने कहा कि मैंने मुख्यमंत्री से अपनी पीड़ा साझा की, लेकिन उन्होंने कह दिया कि उपचुनाव मैंने हराया है। जब मुख्यमंत्री खुद दस बार क्षेत्र में गए, तो हार का ठीकरा मेरे सिर क्यों फोड़ा जा रहा है। हो सकता है रामनिवास ने ही मुख्यमंत्री को मेरे खिलाफ भडक़ा दिया हो। सीताराम ने कहा कि मैं पार्टी में रहकर काम करना चाहता हूं, लेकिन मंत्री होने के बावजूद जब सम्मान नहीं किया जा रहा, तो यह न सिर्फ व्यक्तिगत अपमान है, बल्कि पूरे आदिवासी समाज की उपेक्षा है। उन्होंने चेतावनी दी कि इस तरह की राजनीति से पार्टी को आने वाले समय में भारी नुकसान हो सकता है। विनोद/ 31 ‎दिसम्बर /2025