भारत की आंतरिक सुरक्षा पर विमर्श करते समय नक्सलवाद हमेशा एक गहरे घाव की तरह सामने आता
इस से ज्यादा शर्मसार करने वाली बात क्या हो सकती है कि आज लोकतंत्र के पावन मंदिर में राष्ट्रगीत
ऊपर दिए गए विषय पर लिखने का विचार तब आया जब मेरे पड़ोसी, कमोडोर (से.नि.) रवि नौटियाल ने मुझे
भारत सरकार द्वारा कर्मचारियों की रिटायरमेंट आयु 60 से बढ़ाकर 62 वर्ष करने पर गंभीरता से
भारत में जनगणना केवल आंकड़ों का संग्रह भर नहीं होती बल्कि यह वह आधारशिला है जिसके ऊपर
बहुत बड़ा कवि था इमरसन। वह घूमने निकला। अकस्मात वर्षा आ गई। उसके पास अपनी कविताओं की
शुभ संवत 2082, शाके 1947, सौम्य गोष्ठ, पौष कृष्ण पक्ष, हेमंत रितु गुरु उदय पूर्वे, शुक्रोस्त
दूब की तरह छोटे बनकर रहो। जब घास-पात जल जाते हैं तब भी दूब जस की तस बनी रहती है। - गुरु नानक
भारतीय संसद में शीतकालीन सत्र 2025 के दौरान वंदे मातरम की 150वीं वर्षगांठ मनाने के लिए एक
लोकतंत्र की विश्वसनीयता को बनाये रखने का एक अवसर संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान हाल