बिहार का यह चुनाव केवल एक राजनीतिक मुकाबला नहीं था, बल्कि लोकतंत्र की चेतना, जनता के विश्वास
डिजिटल भारत की विश्वसनीयता पर सवाल है।भारत डिजिटल क्रांति के दौर से गुजर रहा है। सरकारी
समूचे विश्व में हमारा देश भारत ‘प्रजातंत्र’ का सबसे बड़ा प्रतीक और उसका पोषणकर्ता माना
विश्व राजनीति की अशांत मिट्टी पर खड़े संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का नैतिक व संस्थागत
रामचरितमानस कोई कहानी की किताब नहीं है, अपने मानस में, मन में देखा गया राम चरित्र है। हमें
प्रतिदिन कुछ बगुले आकर एक किसान के खेत की फसल बर्बाद कर जाया करते थे। इसे देखकर किसान
शुभ संवत 2082, शाके 1947, सौम्य गोष्ठ, मार्ग शीर्ष कृष्ण पक्ष, शरद ऋतु, गुरु उदय पूर्वे, शुक्रोदय
जिसने ज्ञान को आचरण में उतार लिया, उसने ईश्वर को मूर्तिमान कर लिया। - विनोबा भावे करुणा
देश की राजधानी दिल्ली की हल्की सर्दियों में 16 नवंबर 2025 की दोपहर जब नेशनल मीडिया सेंटर
(19 नवम्बर विश्व शौचालय दिवस) विश्व शौचालय दिवस सिर्फ एक दिन का जश्न नहीं है, बल्कि यह हमें