भारत की आर्थिक प्रगति को रोकने, कम करने अथवा प्रभावित करने के उद्देश्य से दरअसल, चार शक्तियों
समय के महत्व को समझें और अपनी महत्वकाक्षांओं को पूरा करें। समय एक अनमोल पंूजी है। समय
दिल्ली में सब लोग रहते हैं। राष्ट्र के अध्यक्ष, नौकरशाह, जनता , जज- सभी। वहीं से देश संचालित
आज का समाज तेजी से बदल रहा है।तकनीक, प्रतिस्पर्धा, रिश्ते, करियर, और जीवनशैली हर स्तर पर
प्रयागराज का माघ मेला सदियों से भारतीय आध्यात्मिक परंपरा का जीवंत प्रतीक रहा है। पौष
एक धनी सेठ ने एक संत के पास आकर उनसे प्रार्थना की, महाराज, मैं आत्मज्ञान प्राप्त करने के
शुभ संवत 2082, शाके 1947, सौम्य गोष्ठ, मार्ग शीर्ष शुक्ल पक्ष, हेमंत ऋतु, गुरु उदय पूर्वे, शुक्रोदय
विजयी व्यक्ति स्वभाव से, बहिर्मुखी होता है। पराजय व्यक्ति को अन्तर्मुखी बनाती है। -
व्यस्तता क़े कारण रिश्तों में आ रही दूरियों क़ो खत्म करना होगा बढ़ती खाइयों क़ो पटना होगा
संविधान दिवस- 26 नवम्बर 2025) संविधान किसी भी राष्ट्र का चरित्र, मर्यादा और दिशा निर्धारित