भारतीय संविधान का प्रास्तावना वाक्य — “हम भारत के लोग...” — न केवल इस देश की संप्रभुता
सृष्टि रचनाकर्ता ने सृष्टि में मानवीय जीव की रचना कर उसके मस्तिष्क में बौद्धिक क्षमता
एक राजा हमेशा तनाव में रहता था। एक दिन उससे मिलने एक विचारक आया। उसने राजा से उसकी परेशानी
शुभ संवत 2082, शाके 1947, सौम्य गोष्ठ, आषाढ़ शुक्ल पक्ष, ग्रीष्म ऋतु, गुरु अस्त, पश्चिमी शुक्रोदय,
जब तक तुम स्वयं पर विश्वाश नहीं करते, परमात्मा में विश्वास कर ही नहीं सकते। - विवेकानंद यदि हम समाधान का हिस्सा नहीं हैं तो इसका मतलब यही है की हम खुद समस्या हैं। - कहावत ईएमएस / 05 जुलाई 25
(मुहर्रम विशेष (रविवार,6 जुलाई ) पूरी दुनिया में इन दिनों इस्लामी कैलेंडर के पहले महीने
छत्तीसगढ़ की राजनीति में नक्सलवाद एक बार फिर एक बड़े राजनीतिक विवाद का कारण बन गया है।
वैश्विक स्तरपर सर्वविदित है कि किसी भी क्षेत्र में कोई भी काम अकेले करते हैं तो उनकी
भारतीय बैंकों में करोड़ों लोगों की राशि बचत खाते और एफडी के रूप में जमा है। सरकार ने बैंकों
जैसे जैसे चुनाव के वर्ष का समय नजदीक आता है वैसे वैसे सत्ता में बैठी सरकार भी योजनाओ को