डालरों की चमक व सोने के सिक्कों की खनक की चाह में भारतीय युवाओं को कबूतरवाज जिस तरह से लूट रहे हैं किसी से छिपा नहीं है ठगी के मामलों बहुत इजाफा हो रहा है केंद्र सरकार को इन घटनाओं पर संज्ञान लेना चाहिए lप्रतिदिन समाचार पत्रों में युवाओं को विदेश भेजने के नाम पर ठगी के सैंकडों मामले सुर्खियां बनते है एक समाचार के अनुसार ऐसा ही एक ताजा मामला हिमाचल प्रदेश के मंडी व ऊना मे घटित हुआ है मंडी मे युवाओं को विदेश भेजनें के नाम पर 20 लाख की ठगी हुई है और ऊना मे 30 लाख की ठगी हुई है l ऐसे ठगों को आजीवन कारावास देना चाहिए lकुछ वर्ष पहले भी कांगडा़ में ही दो युवकों से दस लाख रुपये की ठगी की गई थी पहले उन्हे विदेश बुला लिया और बाद में वीजा न लगने का कारण बताकर स्वदेश वापस भेज दिया दोनों युवकों से पांच-पांच लाख की रकम ठग ली थी।कुछ दिनों पहले हिमाचल के जिला मण्डी के युवको के साथ भी ऐसा ही हादसा हुआ था जो बड़ी मुशिकल से मलेशिया से वापस आए थें। ऐसे ठगी के मामले निरंतर बढ़ते जा रहे हैं लेकिन प्रशासन व सरकारें इस गोरखधन्धे पर रोक लगाने में नाकाम साबित हो रहा है कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक लोग कबूतरबाजों के कारण ठगे जा रहे हैं अगर केन्द्र सरकार इन कबूतरबाजों पर शिंकजा कसे तो यह मामले रुक सकते हैं।फर्जी ट्रेवल एजेटों का जाल हर जगह फैलता जा रहा है,मगर सरकारें हाथ पर हाथ धरे बैठी है जब कोई मामला प्रकाश में आता है तब जरा सी हलचल होती है मगर फिर वही सिलसिला बदस्तूर जारी रहता है।ठगो व कबूतरबाजों द्वारा आज तक देश में पता नहीं कितने लोगों को शिकार बनाया होगा। कबूतरबाजी में पुरुष ही नहीं महिलाएं भी लोगों को लाखों का चूना लगा रही हैं। महिलाओं के झासें में आकर काफी लोग अपनी संपतियां गंवा चुके हैं। लोग जमीन जायदाद बेचकर और खून पसीने की कमाई अपने बच्चों को रोजगार हेतू विदेश भेजते है मगर ऐजेंट लोग पैसा हड़प लेते हैं कभी तो ऐसे हालात बनते हैं कि इन्हे अवैध तरीके से ले जाते है और पकडे जाने पर जेलों में भेजे जाते हैं।आज पता नहीं कितने ही लोग जेलों में सड़ रहे हैं और नारकीय जीवन जिन्दगी बिता रहे हैं। कबूतरबाजी के ज्यादातर मामले पंजाब,हरियाणा ,दिल्ली व उतरप्रदेश में हो रहे हैं हर रोज पंजाब के किसी न किसी कोने से ऐसी वारदातों की खबरें आती रहती हैं।हिमाचल प्रदेश में भी कबूतरबाजों का साया फैलता जा रहा है। समाचार पत्रों में प्रकाशित समाचारों के मुताबिक बीते सालों में होशिरयारपुर में कनाडा भेजने के नाम पर एक युवक से 6 लाख 55 हजार रुपये की ठगी की गई।वर्ष 2009 में बंठिडा में जापान भेजने के नाम पर लुधियाना के एक युवक से 9 लाख रुपयों की ठगी हुई थी। गत वर्ष हिमाचल के मण्डी जिले की बल्ह घाटी के दर्जनों युवकों से भी एक एजेन्ट ने ठगी की थी।पुलिस ने एजेंट को पकड़ लिया था।2012 में कांगड़ा के जसूर में भी एक महिला ने इराक भेजने के नाम पर युवकों को ठगा और विदेश में नौकरी के नाम पर आधा दर्जन युवको से 1.40 लाख,दूसरे युवक से 1.50 लाख और तीसरे युवक से 80 हजार रुपये ठगे।कागंडा के पालमपुर में भी एक युवक को मर्चेंट नेवी में नौकरी दिलाने के नाम पर पांच लाख रुपये की ठगी कर युवक को शिकार बनाया था एंजेट ने उसे विदेश तो भेज दिया मगर ओपचारिकताएं पूरी न होने के कारण उसे वहां से बैरंग लौटना पड़ा। युवक के पिता ने बेटे को विदेश भेजने के लिए अपनी जमीन तक बेच दी थी। एंजेट ने न तो पैसे लौटाए और न ही नौकरी दिलवाई। ऐसे बहुत से मामले हैं मगर प्रकाश में नहीं आते हैं लोागों की मेहनत का पैसा लूटा जा रहा है। ।आज झूठे विज्ञापन देकर लोगों को गुमराह किया जा रहा है और पैसा लूटा जा रहा है।देश में हर रोज ऐसे मामले हो रहे हैं मगर युवाओं में विदेश जाने की ललक कम नहीं हो रही है। कुशल लोगों को तो विदेश में अच्छा पैसा मिलता है मगर अकुशल लोगों को मुशिकल होती है, अक्सर देखा गया है कि लोग भी साम, दाम, दंड,भेद से वीजा हासिल कर लेते है मगर जब फंसते हैं तब अक्ल आती है। केन्द्र सरकार को चाहिए कि विदेश भेजने के लिए देश कें प्रत्येक राज्यों के मुख्यालयों में सरकारी एंजैसियां स्थापित करनी चाहिए ताकि युवाओं को वैध तरीके से विदेश भेजा जाए। यदि सरकार ऐसे कदम उठाती है तो युवा ठगने से बच सकते हैं। क्योकि जब सारा काम वैध होगा तो लोगों में भी विदेश जाने की ललक बढेगी। कबूतर बाजों को उम्रकैद की सजा देनी चाहिए ताकि इस प्रवृति पर पूर्ण रुप से अकुश लगाया जा सके। दूतावासों के माध्यम से अगर लोगों को विदेश भेजने की योजना बनाई जाए तो लोग ठगने से बच सकते हैं। सरकारों को इन मामलो को अनदेखा नहीं करना चाहिए। सरकार को ठगी करने वाले लोगों व फर्जी तरीके से विदेश भेजने वालों के खिलाफ छापेमारी करनी चाहिए तथा इनकी जमीन-जायदाद की नीलामी करवानी चाहिए। देश के प्रत्येक नागरिक को इसमें योगदान देना चाहिए तथा ऐसे लागों का पर्दाफाश करना चाहिए। अवैध रुप से चल रही ट्रैवल एजेसियों पर प्रतिबन्घ लगाया जाए तथा इनके मालिको को गिरफतार करके कारावासों में डाला जाए। अगर सरकार सक्रिय हो जाए तो इस गोरखधंधे पर रोक लग सकती है और लोगो का पैसा भी सुरक्षित रह सकेगा।ऐसे लोगों को नेस्तनाबूद करना होगा। लोगों को भी चाहिए कि पूरी औपचारिकताएं पूर्ण करने के बाद ही विदेश जाना चाहिए। येन-केन-प्रकारेण तरीको को न अपनाएं तथा विदेश भेजने वाले ट्रैवल एंजैटो की पूरी छानबीन करके ही जोखिम उठाएं।सरकार को जागरुकता शिविर लगाने चाहिए तथा लोगों को विदेश जाने के नियमों की जानकारी देनी चाहिए।क्योकि नियमों का पता न होने के कारण ही कबूतरबाज लोेगो को शिकार बनाते हैं।विदेशों मे स्थापित दूतावासों को भी समय-समय पर लोगों को फर्जी एंजेटों की सूची जारी करते रहना चाहिए ताकि लोगो की खून पसीने की कमाई बच सके। पुलिस प्रशासन को इनके विरुद्व धारा 420 के तहत मामला दर्ज करना चाहिए। कबूतरबाजों को सबक सिखाने का समय आ गया है।सामूहिक रुप से इनका खात्मा करना होगा यह देश हित में है। केन्द्र सरकार को ऐसे मामलो पर संज्ञान लेना चाहिए ताकि भारतीय युवा विदेशों में रोजगार के लिए जा सके और ठगने से बच सके।यह देश हित मे हैl ईएमएस/ 11 सितम्बर 24