क्षेत्रीय
05-May-2025
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सिरोंज (ईएमएस)। रविवार को पहलगाम में हिंदुओं को नाम पूछ पूछ कर गोलियां मारी गई, संपूर्ण भारतवर्ष में आर्य समाज इस घटना की घोर भर्त्सना करता है। हथियारों की लड़ाई के सामने सनातन संस्कृति को बचाने क लिए आर्य समाज वैचारिक लड़ाई लड़ रहा है। आर्य समाज की वैचारिक लड़ाई ही सनातन संस्कृति की नैया को पार लगा सकती है। देश के गुलामी के काल में आर्य समाज की स्थापना कर महर्षि दयानंद सरस्वती के द्वारा स्वाधीनता का बिगुल फूंका गया, उनके द्वारा सत्यार्थप्रकाश नामक अमर ग्रंथ लिखकर सनातन संस्कृति को बचाने का संदेश दिया गया है, आर्य समाज के स्थापना के 150 वर्ष के कार्यकाल में अनेक आर्य संन्यासियों ने सनातन संस्कृति को बचाने के लिए अपना बलिदान दिया है। यह विचार आर्य समाज के क्रांतिकारी सन्यासी स्वामी सच्चिदानंद महाराज ने पाटीदार भवन में आयोजित की गई वैचारिक संगोष्ठी में व्यक्त किये। इस मौके पर मध्य भारतीय प्रतिनिधि सभा के उप मंत्री ओम प्रकाश आर्य एडवोकेट, प्रसिद्ध भजन उपदेशक पंडित दिनेश पथिक, आर्य समाज सिरोंज के संचालक कामराज पाटीदार, विशेष रूप से मौजूद थे। राष्ट्र जागरण हेतु निकले आर्य सन्यासी स्वामी सच्चिदानंद महाराज का विदिशा जिले के सिरोंज में पदार्पण हुआ है। स्वामी सच्चिदानंद महाराज ने इस मौके पर व्याख्यान देते हुए कहा कि आर्य समाज ने हमेशा धर्म संस्कृति को बचाने के लिए विधर्मियों से लोहा लिया है। धर्म की रक्षा के लिए निरंतर वैचारिक लड़ाई लड़ रहे आर्य समाज के प्रसिद्ध विद्वान स्वामी श्रद्धानंद सरस्वती, पंडित लेखराम, महाशय राजपाल की हत्या विधर्मियों के द्वारा की गई। हिंदुओं को आप डरना नहीं चाहिए, जितना हम डरेंगे उतना ही बिधर्मी हावी होते जाएंगे। स्वामी जी ने कहा कि डर-डर कर जीने सेमर जाना अच्छा है। हिंदू सनातन संस्कृति का वजूद मिटाने के लिए चारों तरफ से हमले किए जा रहे हैं। अब भी हिंदू समाज नहींj जागा तो उसे दुनिया के किसी कोने में जगह नहीं मिलेगी। सनातन धर्मवलंबियों अपने आत्म गौरव को बचाने के लिए अब एक साथ उठ खड़े होने का समय आ गया है। मोहम्मद सलमान खान, 05 मई, 2025