08-May-2025


ठाणे, (ईएमएस)। साइबर अपराधियों के हमले के समय जनता को न्याय दिलाने और साइबर सुरक्षा के बारे में जागरूकता पैदा करने की जिम्मेदारी साइबर पुलिस की होती है। लेकिन, ठाणे में साइबर पुलिस ने फोन की सीडीआर और अन्य संवेदनशील जानकारी एक शातिर अपराधी को बेच दी। मामला उजागर होने के बाद दो पुलिस कर्मियों को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है कि ठाणे शहर साइबर पुलिस स्टेशन में कार्यरत पुलिस कांस्टेबल आकाश सोपान सुर्वे और पुलिस कांस्टेबल हर्षद लक्ष्मण परब ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए बिना अनुमति के फोन की सीडीआर, एसडीआर और लोकेशन एक अपराधी को बेच दी। अब दोनों पुलिसकर्मियों को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। जबकि अपराधी मोहम्मद सोहेल राजपूत को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इस घटना से ठाणे पुलिस की साख पर भी धब्बा लगा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार ठाणे क्राइम ब्रांच यूनिट-1 ने साइबर क्राइम सेल में कार्यरत आकाश सोपान सुर्वे (36) और हर्षद लक्ष्मण परब (31) को सेवा से बर्खास्त कर दिया है। इन पर ठाणे के शातिर अपराधी मोहम्मद सोहेल मोहम्मद शब्बीर राजपूत (28) को सीडीआर बेचने का आरोप है। आरोप है कि इस तिकड़ी ने मिलीभगत करके अवैध रूप से सीडीआर, एसडीआर, मोबाइल फोन की लोकेशन ट्रैकिंग हासिल की। पुलिस ने उन्हें सोमवार 5 मई की रात को गिरफ्तार किया। साइबर पुलिस की हरकतें सामने आने के बाद ठाणे शहर साइबर पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक प्रकाश तुकाराम वारके ने शिकायत दर्ज कराई। उस शिकायत के आधार पर ठाणे क्राइम ब्रांच यूनिट 1 की पुलिस टीम ने तीनों के खिलाफ मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया। उन्हें ठाणे कोर्ट ले जाया गया, जहां कोर्ट ने उन्हें 11 मई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया। आगे की जांच क्राइम ब्रांच यूनिट 1 की पुलिस टीम कर रही है। * 2022 से चल रहा था यह धंधा पुलिस आयुक्त आशुतोष डुंबरे द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, टेलीकॉम कंपनियां पुलिस को केवल आधिकारिक पूछताछ और वरिष्ठ अधिकारियों के लिखित आदेश के बाद ही सीडीआर, एसडीआर, मोबाइल ट्रैकिंग मुहैया कराती हैं। लेकिन गिरफ्तार आकाश सुर्वे और हर्षद परब (ठाणे साइबर पुलिस स्टेशन) ने अपराधी सोहेल मोहम्मद राजपूत के साथ मिलीभगत करके अवैध रूप से यह जानकारी हासिल की और बेची। शातिर अपराधी को दो पुलिसकर्मियों के साथ ठाणे कोर्ट में पेश किया गया और ठाणे कोर्ट ने उन्हें 11 मई तक पुलिस हिरासत में रखने का आदेश दिया है। इस मामले में आगे की जांच क्राइम ब्रांच यूनिट-1 की टीम कर रही है। * 2018 के बाद फिर से सीडीआर रैकेट घोटाला उजागर ठाणे में सीडीआर रैकेट घोटाला पहला मामला नहीं है। 2018 में भी क्राइम ब्रांच यूनिट-1 ने इसी तरह के सीडीआर रैकेट का पर्दाफाश किया था। लेकिन उस मामले की जांच तब अधूरी रह गई थी। अब 7 साल बाद यह घोटाला फिर से सामने आया है, तो अब इस रैकेट में कौन-कौन शामिल है? इसकी जांच पुलिस टीम कर रही है। स्वेता/संतोष झा- ०८ मई/२०२५/ईएमएस