गायकवाड़ को पार्टी कैसे दे रही है संरक्षण?- हर्षवर्धन सपकाल - मराठी के नाम पर राज्य में चल रही गुंडागर्दी अनुचित, मराठी लोगों को महाराष्ट्र धर्म जगाना चाहिए - महाराष्ट्र की वोट चोरी की स्कीम अब बिहार में लागू करने की साजिश भाजपा और चुनाव आयोग की मिलीभगत नई दिल्ली/मुंबई, (ईएमएस)। मुंबई में विधायक निवास की कैंटीन में एक कर्मचारी के साथ मारपीट करने वाले विधायक संजय गायकवाड़ का यह पहला मामला नहीं है। ये महाशय बार-बार गुंडागर्दी करते हैं, महापुरुषों का अपमान करना, गाली-गलौज करना, धमकियां देना ऐसे कृत्य वे लगातार करते आ रहे हैं। ऐसे गुंड प्रवृत्ती वाले विधायक को पार्टी आखिर संरक्षण कैसे दे रही है? यह सवाल उठाते हुए महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से संजय गायकवाड़ के खिलाफ तुरंत कठोर कार्रवाई की मांग की है। दिल्ली स्थित महाराष्ट्र सदन में पत्रकारों से बात करते हुए सपकाल ने कहा कि महाराष्ट्र में सत्ताधारी विधायकों का आतंक बढ़ता जा रहा है और सरकार की पकड़ कमजोर पड़ी है। महायुती के विधायकों ने मर्यादा का तिरस्कार किया है। संजय गायकवाड़ के फोन पहले भी वायरल हुए हैं, और उन्हें खुद उपमुख्यमंत्री ने “वाचालवीर” की उपाधि दी थी। उन्होंने पहले “राहुल गांधी की जीभ काटने पर 1 लाख का इनाम”, “फडणवीस के मुंह में कोविड के कीटाणु डालो” जैसे बेतुके और घृणास्पद बयान दिए हैं। ऐसे मानसिक असंतुलन वाले व्यक्ति को विधायक पद पर रखना ही अनुचित है। अगर कैंटीनकर्मी की कोई गलती थी तो उसके खिलाफ शिकायत दर्ज करके कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए थी, मारपीट नहीं। - मराठी के नाम पर गुंडागर्दी करना अनुचित… राज ठाकरे पर पूछे गए प्रश्न का उत्तर देते हुए सपकाल ने कहा कि अगर वे शांति के मार्ग पर चल रहे हैं तो उन्हें शुभकामनाएं, लेकिन मराठी भाषा के नाम पर मारपीट, धमकी और गुंडागर्दी का रास्ता पूरी तरह अस्वीकार्य है। मराठी समाज को संयम, सहिष्णुता और महाराष्ट्र धर्म को पुनः जागृत करना चाहिए। - महाराष्ट्र की वोट चोरी की स्कीम बिहार में लागू करने की साजिश भाजपा और चुनाव आयोग का गठजोड़ राहुल गांधी द्वारा बिहार में निकाले गए मार्च पर प्रतिक्रिया देते हुए सपकाल ने कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में जो वोटिंग में गड़बड़ी और चोरी हुई, वही पद्धति अब भाजपा बिहार में लागू करने की कोशिश कर रही है, और बाद में यह मॉडल पूरे देश में इस्तेमाल किया जा सकता है। चुनाव आयोग को निष्पक्ष संस्था होना चाहिए, लेकिन आज वह भाजपा की एजेंसी जैसा बर्ताव कर रहा है, यह लोकतंत्र के लिए खतरा है। - पुलवामा से पहलगाम तक, मोदी को जवाब देना होगा सपकाल ने कहा कि पुलवामा हमले को 6 साल हो गए लेकिन आज तक जांच पूरी नहीं हुई, 40 जवान शहीद हुए, 300 किलो विस्फोटक कहां से आया ये स्पष्ट नहीं हुआ, ना ही हमलावरों का कोई अता-पता चला। और अब पहलगाम में आतंकवादी 300 किमी अंदर आकर 26 निर्दोष पर्यटकों को मारते हैं और फिर आराम से वापस चले जाते हैं, फिर भी न कोई ठोस जवाब, न कोई जांच रिपोर्ट खोखले बयानों से जनता को भ्रमित किया जा रहा है। - मिल मजदूरों के मोर्चे पर भी उठाया सवाल.. मिल मजदूरों के प्रदर्शन पर बोलते हुए हर्षवर्धन सपकाल ने कहा कि जनता की मांगें सुनना और सहानुभूति से उनका हल निकालना सरकार की जिम्मेदारी है, लेकिन भाजपा सरकार को आम आदमी की बातों में कोई रुचि नहीं। ये सरकार सिर्फ बिल्डरों और उद्योगपतियों से बातचीत करना चाहती है। मूक, बहरी और अंधी सरकार को अब जाग जाना चाहिए। संतोष झा- ०९ जुलाई/२०२५/ईएमएस