विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शंघाई सहयोग संगठन (SCO) में सोमवार 15 जुलाई क़ो 5साल बाद जाना देश के लिए शर्म की बात है चीन में रहते हुए, जयशंकर मंगलवार को तियानजिन में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेने से देश के प्रति स्नेह नहीं व्यापार हेतु जाना ठीक नहीं था उन्होंने ऐ भी कहा कि पिछले नौ महीनों में भारत-चीन द्विपक्षीय संबंधों में अच्छी प्रगति हुई है, और उन्होंने सीमा पर तनाव के समाधान का स्पष्ट रूप से उल्लेख किया। हालाँकि, उन्होंने सीमा से जुड़े अन्य पहलुओं, जिनमें तनाव कम करना भी शामिल है, पर ध्यान देने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया। पाकिस्तान का ही नहीं बल्कि अब दूसरा दुश्मन देश बांग्लादेश का भी मित्र देश है चीन भारत का दोस्त नहीँ दुश्मन है क्योंकि वह ऑपरेशन सिंदूर मेँ खुल कर पाकिस्तान क़ो घातक हथियार दिए और उस वजह से भारत क़ो नुकसान भी हुआ उन भारतीय सैनिक के दिल से पूछिए की पाकिस्तान अभी भी कश्मीर मेँ आतंकवादी क़ो भेज रहा है और इन आतंकवादी क़ो चीन हीं हथियार भी दे रहा है इसलिए भारत क़ो वहीँ जाना चाहिए जहाँ चीन और पाकिस्तान ना हो ये दोनों एक हीं सिक्के के दो पहलू हैं अब हस्ताक्षर ना करना भी इस बात क़ो दर्शाता है कि आपकी नहीँ सुनी गई भारत एक लोकतान्त्रिक देश है और 140 करोड़ देशवासियों का देश है और भारत किसी का गुलाम nahi है कि वो सिखायेगा कि भारत क़ो क्या करना है भारत के सैनिको मेँ जबरदस्त जोश है और किसी भी स्थिति से लड़ने क़ो तैयार है और टेक्नोलॉजी में भी किसी देश से कम नहीं है ये jo अमेरिका का बी -2 बमर है उसका डिज़ाइन भी भारतीय ने किया है ये अलग बात है टेक्नोलॉजी दूसरे देश क़ो देने के कारण उन्हें जेल में डाल दिया गया अमेरिका में जितने युद्ध के हथियार है अधिकतर क़ो हमारे देश के वैज्ञानिक के द्वारा दि गई तकनीक है क्योंकि जो यहाँ टैलेंटेड होते हैं वो अमेरिका चले जाते हैं और भारत के लोग भी इसे बहुत अच्छा मामते है कि देखो वो अमेरिका में खुब पैसा कमा रहा है अब इस सोच से बाहर निकलना होगा क्योंकि अब जिस तरह युद्ध हो रहे हैं उसमें दूसरे देश कूद जाते हैं और अपनी दादागिरी दिखाते हैं ये बात अब इजराइल क़ो भी समझ आ गई होगी और रूस यूकेन का युद्ध भी नाटो बनाम रूस हो गया और रूस का उन देशों के प्रति कहीं ना कहीं समर्थन है जिससे युद्ध जिस उद्देश्य के लिए हो रहा है वो समझ में ही नहीं आता आखिर जीता क्यों लेकिन 9/11 हमले में दो वर्ड ट्रेड सेंटर क़ो अलकायदा ने निशाना बनाया तो अमेरिका ने उसपर एक तरह से कब्ज़ा ही कर लिया था बाद में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जो बायडेन ने बापस बुलाया यही नहीं इराक उसका मज़ाक उड़ाया तो उसका क्या हाल हुआ वो सबको मालूम है अमेरिका ने ईरान ने इजराइल के कहने से ज्यादा वहाँ के अन्य मुस्लिम देशों ने अमेरिका क़ो अच्छी खासी रकम दि है जिससे ट्रम्प ने बी -2 बमवर्षक विमान से ईरान के तीनो परमाणु ठीकानो क़ो पूरी तरह बर्बाद कर दिया और अब ईरान का बम बनाने का सपना अधूरा रह गया खबर में कुछ भी बता देते हैं लेकिन उसमें हकीकत नहीं रहता अगर ईरान ने भारी मात्रा में यूरेनियम क़ो वहाँ से हटा दिए है तो वो किस काम का है 60 प्रतिशत तक संवर्धित है और 90 परसेंट करने में कम से कम 5साल लगेंगे ये दूसरे बम जैसा नहीं है कि जब चाहे बना लिए उसमें रेडियो। परमाणु हथियार के रूप में इस्तेमाल करने के लिए इसे लगभग 90 प्रतिशत तक संवर्धित करने की आवश्यकता है अतः ईरान का परमाणु कार्यक्रम अब अमेरिका डील कर रहा अब उसे इजराइल से क़ोई मतलब नहीं रहा यही बात अब दूसरे देश क़ो भी सिखने की जरुरत है यदि आपके पास अपना सामर्थ है तो युद्ध करो बरना आपस में समझौता कर लो हकीकत ये है कि भारत द डेली टेलीग्राफ और अन्य स्रोतों के अनुसार, चीन ने मई और जून 2020 के बीच भारतीय गश्त वाले 60 वर्ग किलोमीटर (23 वर्ग मील) क्षेत्र पर कब्जा कर लिया और पाक अधिकृत काश्मीर में अपना नेटवर्क बना रहा है और चीन ने कश्मीर के करीब 20 फीसदी हिस्से पर कब्जा किया है. इस हिस्से को अक्साई चिन के नाम से जाना जाता है. चीन और भारत के बीच जब 1962 में युद्ध हुआ तो उसने भारत के इस पूरे हिस्से पर अपना कब्जा कर लिया था. ये जम्मू-कश्मीर का उत्तर पूर्वी हिस्सा है, जिसे लेकर पिछले कई सालों से भारत और चीन के बीच तनाव है.चीन ने केवल भारत क़ो ही नहीं परेशान कर रहा है बल्कि तिब्बत क़ो भी कब्जे में लिया और उनके धर्म गुरु दलाई लामा भारत में हैं और तिब्बत का यहाँ एक अस्थाई सरकार भी धर्मशाला में है जिसे तिब्बत का अस्थाई सरकार धर्मशाला में है और जिसे तिब्बत सेंट्रल एडमिन्सटर कहते हैं और ये सभी भगवान बुद्ध क़ो मानने वाले शांति प्रिय लोग है यहाँ उनके सारे मंत्रालय भी हैं जिसमें रक्षा नहीं है क्योंकि ये भारत के हिस्से में है ये 1956 से भारत में पंडित नेहरू के कहने पर बड़ी संख्या में अपने धर्म गुरू दलाई लामा के साथ भारत आए थे जब तिब्बत ने 16 बिंदु के करार क़ो न मान कर तिब्बत क़ो अपने कब्जे में ले लिया जो चीन की बाहबाही करते है जरा सा अपने वीर योद्धा पर भी ध्यान दें सियाचिन का गलेशियर जो भारत को पाकिस्तान और चीन द्वारा की जाने वाली घुसपैठ को रोकने में मदद करता है.वहाँ का तापमान -30 डिग्री में अपने जवान किस तरह सीमा की रक्षा कर रहे हैं और जिंदगी में क्या पाया भारत माता के लिए सब कुछ न्योछावर कर दिया चीन ने कश्मीर के करीब 20 फीसदी हिस्से पर कब्जा किया है. इस हिस्से को अक्साई चिन के नाम से जाना जाता है. चीन और भारत के बीच जब 1962 में युद्ध हुआ तो उसने भारत के इस पूरे हिस्से पर अपना कब्जा कर लिया था. ये जम्मू-कश्मीर का उत्तर पूर्वी हिस्सा है, जिसे लेकर पिछले कई सालों से भारत और चीन के बीच तनाव है.इसलिए जहाँ देखें चीन की धरती है वहाँ कदम भी रखना देश के लिए ठीक नहीं है क्योंकि वहाँ वो आखिर आपकी क्या सुनेगा और खून का घुट पी कर आना पड़ेगा भारत स्वतंत्र देश है हम क्या ले क्या पहने ये मेरा अधिकार है चीन से तो बना हुआ क़ोई समान मैं तो नहीं लेता हूँ यहाँ तक की चाइनीज फ़ूड भी क्योंकि देश सर्वोपरि है हमारी टेक्नोलॉजी उससे बेहतर है तभी तो केरल में जासूसी करने आए एक ब्रिटिश विमान क़ो लॉक ही कर दिया चीन से सामान ही ना लो महात्मा गाँधी इसलिए विदेशी चीजों का वहिष्कार करते थे लेकिन आजादी के बाद देश का दुर्भाग्य ही कहे हमने उस पर अमल नहीं किया और आजादी के 77 साल बाद भी चीन की चाल क़ो समझ नहीं रहे हैं ये बाद में अत्यंत हानिकारक होगा.इसलिए चीन के समान जब भारत में देखता हूँ तो कुछ समय के लिए सोचता हूँ सस्ता तो है लेकिन ये खरीदने से चीन की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और इसी पैसे से फिर आतंकवादी क़ो भारत के खिलाफ हथियार देगा छोड़ो इसे नहीं चाहिए देश सर्वोपरि है.इससे विदेश में न्यूज़ में अच्छा नहीं लग रहा है भारत के स्वाभिमान का प्रश्न है भारतीय लोग भगवान राम के भक्त हैं जो मर सकते हैं लेकिन देश से कभी चीन और पाकिस्तान की धरती पर पैर नहीं रखेंगे जिन्होंने हमारे ही भाई बहन के पहलगांव में आतंकवादी हमले में मारे गए थे और पाकिस्तान के साथ युद्ध में चीन ने खुला समर्थन किया था ऐ मैं नहीं सेना के उप प्रमुख कह चुके हैं अतः सर कटा सकते हैं लेकिन दुश्मन के आगे सर नहीं झुका सकते हैं यहीं गुरु गोविन्द सिंह जी ने भी भारतीय क़ो एक संदेश दिया कि अपना ईमान धर्म कभी दुश्मन के आगे नहीं झुकाना शरीर का क्या है ऐ तो मरने के लिए ही पैदा हुआ है लेकिन भारत माता के सम्मान में ही मरेगा और कभी दुश्मन के सामने कदम भी नहीं रखेगा क्योंकि उसने हमें नहीं देश की सेना क़ो कुचलने का प्रयास किया लेकिन हमारे सैनिकों ने मुहतोड़ जबाब दिया. सेना के स्वाभिमान क़ो समझना चाहिए वो सिर्फ पैसे के लिए नहीं लड़ते हैं वे देश के हीरो है जो अपनी जान की बाजी लगा कर हम सभी की रक्षा कर भारत माता क़ो सर्वोपरि मानते हैं उसे छुपाने के लिए कुछ मीडिया का ऐ कहना की अमेरिका क़ो मुँह दिखाने के लिए ऐ वहाँ अच्छा रिश्ता के गए हैं लेकिन कैसे होगा धोखेबाज चीन से जब हमारे वीर सैनिक दलवान में शहीद होते हैं और सीने में गोली खाते हैं क्या देश का सम्मान यहीं है एक तरफ आप खुनी लोगों के आतंकी क़ो सपोर्ट करो और फिर देश का बड़े ओहादा के मंत्री क़ो वहाँ जाना कहाँ तक उचित है अमेरिका तो बहुत दूर है लेकिन जो सामने आपका दुश्मन खड़ा है उसे कैसे भूल सकते हैं इससे सेना का अपमान होता है देश सर्वोपरि है उसकी रक्षा करना किसी एक की नहीं 140 करोड़ लोगों की ताकत है जो दुश्मन के दरवाजे की ओर जाना तो दूर ताकझाँक तक नहीं करेगा. वन्दे मातरम। (यह लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं इससे संपादक का सहमत होना अनिवार्य नहीं है) .../ 17 जुलाई /2025