अंतर्राष्ट्रीय
23-Jul-2025
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इस्लामाबाद,(ईएमएस)। पाकिस्तान का इतिहास कहता है कि ये एक ऐसा देश जहां से कई बार सैन्य शासन रहा है। लोकतंत्र इस देश में सिर्फ दिखावा है, यहां असली फैसले फौज लेती है। इनदिनों फिर से जिस तरह फील्ड मार्शल बने आसिम मुनीर के हाथ में ताकत आ रही है और वे लोकप्रिय हो रहे हैं, यह देखकर लग रहा है कि पाकिस्तान एक और सॉफ्ट तख्तापलट होने वाला है। बस देखना ये है कि ये काम होता कैसे है और नुकसान किसका होता है। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की हालत देखकर लगता है कि देश की कमान उनके हाथ है, लेकिन उनकी चलती एक नहीं है। अब आधिकारिक दौरों पर भी पीएम की जगह सेना प्रमुख जाने लगे हैं। दरअसल ऑपरेशन सिंदूर में भारत से मुंह की खाने के बाद अंदरखाने की हालत सेना प्रमुख मुनीर और शहबाज शरीफ को अच्छी तरह पता थी। इसके बाद शहबाज के हाथ से सेना प्रमुख ने लगभग सारी ताकत अपने हाथ में ले ली है। जून, 2025 में डोनाल्ड ट्रम्प ने ओवल ऑफिस में दो घंटे तक पाकिस्तानी सेना प्रमुख से मुलाकात की, उन्हें लंच खिलाकर ईरान के खिलाफ पाकिस्तान का समर्थन मांगा। दिलचस्प ये है कि आमतौर पर ऐसी नीतियां दो देशों के शीर्ष नेता करते हैं, लेकिन यहां ये काम सेना प्रमुख ने किया। बस इसके बाद तय हो गया कि पाकिस्तान में सत्ता का केंद्र अब बदल चुका है। आसिम मुनीर को मई, 2025 में शरीफ ने फील्ड मार्शल की उपाधि दी। ये इससे पहले सिर्फ एक बार आयूब खान को दी गई थी। इसके बदले शरीफ अपनी प्रधानमंत्री की कुर्सी बचाए रखना चाहते हैं। वे आधिकारिक दौरों पर भी आसिम मुनीर ही पूरी शाही सुविधाओं के साथ जा रहे हैं, पीएम शहबाज का नाम भी नहीं रहता। हाल ही में मुनीर के श्रीलंका और इंडोनेशिया दौरे की चर्चा है, जहां वे विजिट के लिए शाही तैयारियों का साथ जा रहे हैं। चर्चा हैं कि शहबाज शरीफ सिर्फ अपनी कुर्सी बचाने में जुटे हैं, लेकिन अगर जनरल मुनीर की नजर वाकई इस्लामाबाद पर है, तब सबसे आसान टार्गेट राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी हैं, जिन्हें एक नरम तख्तापलट के द्वारा हटाकर वे पद पर काबिज हो सकते हैं। हालांकि शहबाज शरीफ कह चुके हैं कि मुनीर को इस पद की चाह नहीं है लेकिन इतिहास बताता है कि जब फील्ड मार्शल का पद सेना प्रमुख को मिला, तब पाकिस्तान में तख्तापलट हुआ है। 10 जुलाई को पाक सेना ने मुनीर की अमेरिका यात्रा पर आधिकारिक बयान जारी किया, जो आमतौर पर विदेश मंत्रालय का काम होता है। मुनीर की यह ‘फील्ड मार्शल डिप्लोमेसी’ अघोषित तख्तापलट जैसी लग रही है। आशीष/ईएमएस 23 जुलाई 2025