ढाका (ईएमएस)। बांग्लादेश वायुसेना के लिए विमान दुर्घटनाएं एक गंभीर और बार-बार होने वाली समस्या बन चुकी हैं। बीते तीन दशकों में यानी 1992 से अब तक करीब 27 फाइटर जेट और प्रशिक्षण विमान दुर्घटनाग्रस्त हुए हैं। इसमें से ज़्यादातर दुर्घटनाएँ चीनी निर्मित विमानों से हुई हैं, जिससे उनकी गुणवत्ता और विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। ताजा दुर्घटना में बांग्लादेश वायुसेना का एक एफ-7 बीजीआई ट्रेनिंग जेट था। जो कि माइलस्टोन स्कूल और कॉलेज का परिसर में दुर्घटनाग्रस्त हुआ। इस हादसे में 25 बच्चे, एक शिक्षक और पायलट फ्लाइट लेफ्टिनेंट मोहम्मद तौकीर इस्लाम सागर की मृत्यु हुई, जबकि 78 से अधिक घायल हुए है। जिनका इलाज अस्पताल में चल रहा है। प्रारंभिक जांच में तकनीकी खराबी बताई गई है। पायलट ने घनी आबादी वाले क्षेत्रों से दूर ले जाने की कोशिश की, लेकिन विमान स्कूल की इमारत से टकरा गया। विमान में आग लग गई, जिससे परिसर में भारी तबाही हुई। मामले में अंतरिम मोहम्मद यूनुस सरकार ने जांच समिति गठित की गई और मंगलवार को राष्ट्रीय शोक दिवस घोषित किया गया। रिपोर्ट के अनुसार, 1992 से अब तक बांग्लादेश वायुसेना के 27 विमान दुर्घटनाग्रस्त हुए हैं। ज़्यादातर चीनी निर्मित विमानों (एफ-7, एफटी-7, पीटी-6 मॉडल) में तकनीकी खामियाँ, मानवीय भूल और बाहरी कारक (जैसे पक्षियों से टकराव)। जहां लगातार हो रही इन घटनाओं के बाद चीनी विमानों पर सवाल उठा रहा है। एफ-7 बीजीआई विमान (2011 में खरीदे गए) चेंगदू जे-7/एफ-7 फैमिली का सबसे एडवांस वर्जन है, लेकिन उनकी विश्वसनीयता पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। दुर्घटनाओं ने बांग्लादेश वायुसेना की उड़ान सुरक्षा और विमान रखरखाव नीतियों पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि पुराने विमानों को बदलने, आधुनिक तकनीक अपनाने और पायलटों के प्रशिक्षण को बेहतर करने की तत्काल आवश्यकता है। सैन्य अड्डों के आसपास बढ़ते शहरी अतिक्रमण को रोकने के लिए भी कदम उठाने की ज़रूरत है। आशीष/ईएमएस 23 जुलाई 2025