वाशिंगटन(ईएमएस)। अमेरिका में सिविल राइट्स मूवमेंट के प्रतीक मार्टिन लूथर किंग जूनियर को 1963 में दिए उनके भाषण ‘आई हैव अ ड्रीम’ के लिए जाना जाता है। उनकी 4 अप्रैल 1968 को मेम्फिस, टेनेसी में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उनकी हत्या की जिम्मेदारी जेम्स अर्ल रे ने 1969 में ली थी, लेकिन बाद में उन्होंने अपना बयान वापस ले लिया और अपनी मौत तक खुद के बेगुनाह होने का दावा किया। हालांकि उसे पूरी सजा हुई थी और जेल में ही उसकी मौत हो गई थी। ट्रम्प प्रशासन ने अमेरिका में सिविल राइट्स मूवमेंट के प्रतीक मार्टिन लूथर किंग जूनियर की हत्या से संबंधित लगभग 2,30,000 पेज के दस्तावेज सार्वजनिक दिए। हालांकि ट्रंप प्रशासन के इस कदम का किंग के परिवार ने विरोध किया था। यह दस्तावेज 1977 से एक अदालती आदेश के तहत गोपनीय रखे गए थे। अब इन्हें नेशनल आर्काइव्स की वेबसाइट पर प्रकाशित कर दिए गए हैं। इस कदम को प्रशासन ने पारदर्शिता की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम बताया है, लेकिन किंग के परिवार और दक्षिणी क्रिश्चियन लीडरशिप कॉन्फ्रेंस (एससीएलसी) ने इसे उनकी गोपनीयता और विरासत पर हमला करार दिया। राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड ने कहा कि अमेरिकी जनता ने डॉ किंग की हत्या की पूरी जांच को देखने के लिए लगभग 60 वर्षों तक इंतज़ार किया है। राष्ट्रपति ट्रम्प के नेतृत्व में हम इस महत्वपूर्ण और दुखद घटना पर पूर्ण पारदर्शिता सुनिश्चित कर रहे हैं। दस्तावेजों में एफबीआई की निगरानी से संबंधित रिकॉर्ड शामिल हैं, जिनमें किंग के फोन टैपिंग, होटल के कमरों में बगिंग और उनके खिलाफ सूचनाएं एकत्र करने के लिए जासूसों का उपयोग शामिल है। ये दस्तावेज उस समय के एफबीआई निदेशक जे। एडगर हूवर की किंग और सिविल राइट्स मूवमेंट पर पैनी नजर को उजागर करते हैं। इस रिपोर्ट में दावे किए गए थे किंग के एक्ट्रा मैरेटल अफेयर थे। इन अफेयर्स के बारे में जानकारी एफबीआई की निगरानी की वजह से सार्वजनिक हो गई थी। हालांकि उनकी हत्या और उनके अफेयर के बीच कोई संबंध नहीं था। अब तक की जांच में इन दोनों के बीच कोई संबंध की जानकारी नहीं है। हालांकि, किंग के दो जीवित बच्चे मार्टिन लूथर किंग3 और बर्निस किंग ने एक संयुक्त बयान में कहा कि वे पारदर्शिता और ऐतिहासिक जवाबदेही का समर्थन करते हैं, लेकिन उन्हें डर है कि इन दस्तावेजों का दुरुपयोग उनके पिता की विरासत पर हमला करने के लिए किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि हम उन लोगों से अनुरोध करते हैं जो इन फाइलों को देखें, वे हमारे परिवार के दुख के प्रति सहानुभूति, संयम और सम्मान के साथ ऐसा करें। परिवार का मानना है कि हूवर के नेतृत्व में एफबीआई ने किंग को बदनाम करने और नागरिक अधिकार आंदोलन को कमजोर करने के लिए आक्रामक और परेशान करने वाली निगरानी की थी।किंग की भतीजी अल्वेडा किंग ने इस रिलीज़ का समर्थन किया और कहा कि मैं राष्ट्रपति ट्रम्प और डीएनआई गबार्ड के प्रति आभारी हूं कि उन्होंने पारदर्शिता के अपने वादे को पूरा किया। मेरे चाचा सत्य और न्याय की खोज में निर्भीक थे और उनकी विरासत आज भी अमेरिकियों को प्रेरित करती है। दूसरी ओर नागरिक अधिकार नेता अल शार्प्टन ने इस कदम को पारदर्शिता के लिए नहीं, बल्कि जेफ्री एपस्टीन की फाइलों को लेकर ट्रम्प की आलोचना से ध्यान भटकाने का प्रयास बताया। इन दस्तावेजों में नई जानकारी की संभावना कम मानी जा रही है, क्योंकि कई इतिहासकारों का कहना है कि पहले से उपलब्ध सामग्री में हत्या के बारे में कोई बड़ा खुलासा नहीं हुआ है। वीरेंद्र/ईएमएस 23 जुलाई 2025