क्षेत्रीय
01-Aug-2025
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कांकेर(ईएमएस)। जामगांव में धर्मांतरण के बाद एक ग्रामीण की मौत और उसके बाद कब्र से शव निकाले जाने की घटना ने नया मोड़ ले लिया है। कांकेर के मेलाभाटा मैदान में बड़ी संख्या में ईसाई समुदाय के लोग जुटे और विरोध प्रदर्शन किया। समुदाय के लोगों ने आरोप लगाया कि जामगांव में मृतक के परिवार को धमकाया गया, चर्च में तोड़फोड़ की गई और कब्र को खोदकर शव निकाला गया — जो कि न केवल अमानवीय है, बल्कि धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला है।प्रदर्शनकारियों ने पांच सूत्रीय मांगों को लेकर रैली निकाली और कलेक्टर को ज्ञापन सौंपने कलेक्ट्रेट की ओर कूच किया। हालांकि, मुख्य मार्ग पर पुलिस ने बैरिकेड लगाकर उन्हें रोक दिया। किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए मौके पर भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है। प्रदर्शन में शामिल लोगों ने दुर्ग में एक नन की गिरफ्तारी का भी विरोध किया और पूरे घटनाक्रम की निष्पक्ष उच्चस्तरीय जांच की मांग की। उनका कहना है कि धार्मिक स्थलों और प्रार्थना सभाओं पर हमला और मृतकों की कब्र के साथ छेड़छाड़ न केवल असंवैधानिक है, बल्कि सामाजिक सौहार्द को भी ठेस पहुंचाने वाला है। प्रमुख मांगें: जामगांव में चर्च और प्रार्थनासभा पर हुए हमले की जांच,कब्र से शव निकालने की उच्चस्तरीय स्वतंत्र जांच,पीड़ित परिवार को सुरक्षा और सम्मान,धर्म के आधार पर गिरफ्तारी पर पुनर्विचार,सांप्रदायिक तनाव फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई। प्रशासन ने फिलहाल स्थिति को नियंत्रण में बताया है, लेकिन संवेदनशीलता को देखते हुए कांकेर और आसपास के इलाकों में पुलिस सतर्क है। सत्यप्रकाश(ईएमएस)01 अगस्त 2025