दोहरे भुगतान पर निगम की आर्थिक शाखा सख्त, मिलिभगत के खेल से जनता से विश्वासघात (आर एन पाण्डेय) सिंगरौली (ईएमएस)। नगर निगम सिंगरौली में वर्षों से चल रहा भ्रष्टाचार और मिलिभगत का खेल अब आखिरकार कानून के शिकंजे में फंसता दिख रहा है। करोड़ों के कचरा घोटाले को लेकर आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) रीवा ने बड़ा एक्शन लिया है। निगमायुक्त को नोटिस जारी कर 27 अगस्त को सीटा डेल कम्पनी से जुड़े समस्त दस्तावेज तलब किए गए हैं। फर्जी बिलिंग और दोहरा भुगतान जांच में सामने आया है कि कंपनी को 10 टन कचरे का भुगतान होना था, लेकिन फर्जी बिल बनाकर 20 टन का भुगतान दिखाया गया। यानी हर महीने करोड़ों की लूट! यह सब नगर निगम और कंपनी की मिलीभगत से हुआ। जनता की गाढ़ी कमाई लूटने का खेल साफ है कि यह सिर्फ घोटाला नहीं बल्कि जनता से किया गया सीधा विश्वासघात है। टैक्स से मिलने वाली गाढ़ी कमाई को कंपनी और भ्रष्ट अधिकारियों ने आपस में बांटा। आर्थिक शाखा में हड़कंप दोहरे भुगतान के खुलासे के बाद निगम की आर्थिक शाखा में हड़कंप मचा हुआ है। अब EOW के सामने दस्तावेज पेश होने के बाद पूरे खेल का कच्चा-चिट्ठा खुलना तय है। माफियागिरी पर उठे सवाल सूत्र बताते हैं कि सीटा डेल कम्पनी की राजनीतिक पकड़ और अफसरशाही से मिलीभगत ही इस घोटाले की सबसे बड़ी ताकत रही है। अब जांच में यह भी उजागर हो सकता है कि किन-किन चेहरों ने इस माफियागिरी को संरक्षण दिया जनता की मांग – दोषियों को जेल भेजो शहर के सामाजिक संगठनों और आम नागरिकों का गुस्सा चरम पर है। लोग मांग कर रहे हैं कि दोषियों पर केवल विभागीय कार्रवाई नहीं बल्कि कड़ी कानूनी सज़ा हो, ताकि भविष्य में कोई भी जनता के पैसों से खिलवाड़ न कर सके। साफ है—नगर निगम सिंगरौली का यह घोटाला अब राजनीतिक संरक्षण, माफियागिरी और भ्रष्ट अफसरशाही का असली चेहरा उजागर करने वाला है। .../ 27 अगस्त /2025