वाशिंगटन (ईएमएस)। कुत्ते दुनिया में मानव से पहले आए और उनकी जमीनों पर मनुष्यों ने कब्जा कर लिया। इस बारे में अक्सर लोगों के जेहन में सवाल उठता रहता है। अमेरिकी शोध बताते हैं कि कुत्ते आज से नहीं, बल्कि हजारों सालों से मनुष्यों के साथी हैं। हालांकि, उनके पूर्वज यानी भेड़िये मनुष्यों से करोड़ों साल पहले पृथ्वी पर मौजूद थे। अमेरिकन म्यूजियम ऑफ नेचुरल हिस्ट्री के पेलियॉन्टोलॉजी विभाग के अध्ययन बताते हैं कि भेड़ियों के सबसे पुराने पूर्वज करीब 4-6 करोड़ साल पहले पृथ्वी पर थे। आधुनिक भूरे भेड़िये, जिनसे सभी पालतू कुत्तों का जन्म हुआ, लगभग 8 लाख से 10 लाख साल पहले विकसित हुए। वहीं, आधुनिक मनुष्य का उदय अफ्रीका में लगभग 3 लाख साल पहले हुआ, जबकि उनके पूर्वज होमो इरेक्टस लगभग 20 लाख साल पहले से अस्तित्व में थे। कुत्तों का पालतूकरण लगभग 20,000 से 40,000 साल पहले शुरू हुआ। वर्ष 2020 में जर्मनी के जीवाश्म स्थल से मिले कुत्ते के 14,000 साल पुराने जीवाश्म ने इस प्रक्रिया की पुष्टि की। शोध बताते हैं कि कुछ भेड़िये, जो कम आक्रामक और जिज्ञासु थे, मनुष्यों के करीब रहने लगे। इससे उन्हें भोजन के अवशेष और सुरक्षा मिलती थी, जबकि मनुष्य शिकार में मदद और खतरे की चेतावनी पाते थे। इस सहयोगी संबंध ने धीरे-धीरे पालतू कुत्तों की नस्लों का निर्माण किया। भेड़ियों की सामाजिक प्रवृत्ति और झुंड में रहने की आदत ने उन्हें मनुष्यों के लिए अनुकूल बनाया। मनुष्यों ने उन भेड़ियों को प्राथमिकता दी जो विनम्र, कम आक्रामक और वफादार थे। चयनित भेड़ियों का प्रजनन किया गया और इस प्रक्रिया में हजारों सालों में आधुनिक कुत्तों की विभिन्न नस्लें विकसित हुईं। मनुष्यों ने जब शहर, कस्बे और खेती के लिए जंगलों को साफ किया, तो भेड़ियों और अन्य जंगली जानवरों के प्राकृतिक आवास प्रभावित हुए। इस लिहाज से कहा जा सकता है कि मनुष्य ने उनके निवास और संसाधनों पर प्रभाव डाला। हालांकि, पालतू बनाने की प्रक्रिया में कुत्तों ने मानव जीवन के साथ सामंजस्य स्थापित किया और अस्तित्व और प्रसार के लिए लाभ प्राप्त किया। आज कुत्ते केवल घर के साथी नहीं हैं। वे सुरक्षा, पुलिस, सेना और एयरपोर्ट सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। आवारा कुत्ते छोटे जीवों की आबादी नियंत्रित करते हैं और पर्यावरण को स्वच्छ रखते हैं। उनकी अनुपस्थिति से सुरक्षा, कृषि और पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। इसके अलावा कुत्तों से जुड़ी पेट केयर इंडस्ट्री अरबों डॉलर की है और लाखों लोग इससे जुड़े हैं। कुत्तों का अचानक गायब होना न केवल मानव जीवन पर भावनात्मक असर डालेगा, बल्कि वैज्ञानिक और चिकित्सीय शोध को भी प्रभावित करेगा। कुत्तों के शरीर और बीमारियों पर किए जाने वाले शोध इंसानों की भलाई में भी योगदान देते हैं। सुदामा/ईएमएस 31 अगस्त 2025