व्यापार
03-Sep-2025
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- सेंसेक्स 100 अंक टूटकर 80,2950 पर, निफ्टी 24600 के नीचे मुंबई (ईएमएस)। भारतीय शेयर बाजारों की बुधवार को शुरुआत सकारात्मक रही, लेकिन जल्द ही बाजार गिरावट में फिसल गया। बीएसई सेंसेक्स 100 अंकों की बढ़त के साथ 80,295.99 पर खुला, लेकिन थोड़ी ही देर में यह 32.41 अंक गिरकर 80,190.29 पर आ गया। इसी तरह, एनएसई निफ्टी ने 24,616 के स्तर से शुरुआत की, लेकिन 9:30 बजे यह मामूली 2.05 अंकों की गिरावट के साथ 24,593 पर कारोबार करता दिखा। बाजार में यह उतार-चढ़ाव जीएसटी काउंसिल की बुधवार से शुरू हो रही 56वीं बैठक से पहले देखा गया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हो रही यह दो दिवसीय बैठक वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के ढांचे में संभावित सुधारों पर केंद्रित रहेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर जीएसटी व्यवस्था को सरल और प्रभावी बनाने की आवश्यकता पर बल दिया था। तकनीकी विशेषज्ञों का मानना है कि जब तक निफ्टी 25,155 के ऊपर मजबूती से टिकता नहीं, तब तक इसमें गिरावट का जोखिम बना रहेगा, जो 24,076 तक जा सकता है। वैश्विक स्तर पर भी बाजारों का मूड खराब रहा। अमेरिका के डाउ जोंस, एसएंडपी 500 और नैस्डैक मंगलवार को गिरावट के साथ बंद हुए। वॉल स्ट्रीट पर मंगलवार को गिरावट के बाद बुधवार सुबह एशियाई बाजारों में गिरावट दर्ज की गई। वैश्विक बॉन्ड यील्ड में बढ़ोतरी और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को लेकर नई चिंताओं के कारण सेंटीमेंट्स प्रभावित हुए। ऑस्ट्रेलिया का एसएंडपी/एएसएक्स 200 0.5 प्रतिशत, जापान का निक्केई 225 इंडेक्स 0.35 प्रतिशत गिरावट में रहा और दक्षिण कोरिया का कोस्पी उतार-चढ़ाव भरे कारोबार में लगभग स्थिर रहा। अमेरिका में प्रमुख इंडेक्स मंगलवार को गिरावट के साथ बंद हुए। निवेशक राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अधिकांश टैरिफ को गैरकानूनी मानने वाले फेडरल अपील्स कोर्ट के फैसले के प्रभाव का आंकलन कर रहे थे। डाउ जोंस इंडस्ट्रियल एवरेज 0.55 फीसदी गिरा, एसएंडपी 500 0.69 फीसदी कमजोर हुआ और टेक-हैवी नैस्डैक कंपोजिट 0.82 फीसदी नीचे गया। निवेशक अमेरिकी रोजगार आंकड़ों और फेडरल रिजर्व की बीज बुक का इंतजार कर रहे हैं। यूरोज़ोन में निवेशक प्रोड्यूसर प्राइस इंडेक्स (पीपीआई) और एचसीओबी सर्विसेज़ पीएमआई पर ध्यान देंगे, जबकि चीन भी सर्विसेज पीएमआई डेटा जारी करेगा। भारत में निवेशक अगस्त महीने का एचएसबीसी पीएमआई डेटा और मुद्रा आपूर्ति आंकड़ों पर नजर रखेंगे। सतीश मोरे/03‎सितंबर ---