नई दिल्ली (ईएमएस)। आयुष मंत्रालय ने अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम पेज पर एक पोस्ट साझा कर ध्यान यानी मेडिटेशन के महत्व और इसके लाभों के बारे में जानकारी दी है। मंत्रालय के अनुसार ध्यान एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें व्यक्ति अपने मन को शांत कर भीतर की शांति को महसूस करता है। ध्यान करते समय पूरा फोकस केवल सांसों और आंतरिक आवाज पर रहता है, जिससे इंसान अपने मन के शोर से दूर होकर खुद से जुड़ता है। आयुष मंत्रालय का कहना है कि नियमित ध्यान करने से भय, गुस्सा, तनाव और चिंता जैसी नकारात्मक भावनाओं से मुक्ति मिलती है। यह मन में सकारात्मक सोच विकसित करता है और भावनात्मक संतुलन बनाए रखने में मदद करता है। जब व्यक्ति अपनी भावनाओं को समझकर उन्हें नियंत्रित करना सीखता है, तो गुस्सा कम होता है और मन अधिक शांत रहता है। ध्यान एकाग्रता को भी बढ़ाने का सशक्त साधन है। आज के समय में लोग मल्टीटास्किंग के कारण अक्सर ध्यान भटका लेते हैं, लेकिन ध्यान के अभ्यास से मन स्थिर होता है और याददाश्त भी बेहतर बनती है। यही नहीं, यह इच्छाशक्ति को मजबूत करता है, जिससे इंसान अपने लक्ष्यों की ओर अधिक समर्पण और मेहनत के साथ आगे बढ़ पाता है। ध्यान का एक और बड़ा लाभ है कि यह शरीर और मन दोनों को आराम देता है। भागदौड़ से भरे दिन के बाद ध्यान करने से शरीर की थकान दूर होती है और ऊर्जा दोबारा प्राप्त होती है। इस प्रक्रिया में व्यक्ति बस आंखें बंद कर गहरी सांसें लेता है और धीरे-धीरे विचारों को शांत करता है। जैसे ही मन स्थिर होता है, भीतर सुख और संतुलन का अनुभव होता है। मंत्रालय का कहना है कि यह अभ्यास न केवल मानसिक, बल्कि शारीरिक स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है। वैज्ञानिक शोध भी इस बात की पुष्टि करते हैं कि ध्यान तनाव और चिंता को कम करता है और नींद की समस्या का समाधान करता है। जिन लोगों को रात में नींद नहीं आती, उनके लिए ध्यान एक सरल और प्रभावी उपाय हो सकता है। नियमित अभ्यास से ब्लड प्रेशर नियंत्रित होता है, रक्त संचार बेहतर होता है और दिल के कार्यों में सुधार आता है। इससे हृदय रोगों का खतरा भी कम हो सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि आधुनिक जीवनशैली की चुनौतियों के बीच ध्यान अपनाना मानसिक शांति और शारीरिक स्वास्थ्य दोनों के लिए बेहद जरूरी है। बता दें कि आज की तेज-तर्रार जिंदगी में तनाव, चिंता और बेचैनी आम समस्या बन गई है। काम का दबाव, पढ़ाई का बोझ, पारिवारिक जिम्मेदारियां और सामाजिक जीवन की भागदौड़ ने लोगों के जीवन को जटिल बना दिया है। सुदामा/ईएमएस 08 सितंबर 2025