नई दिल्ली (ईएमएस)। केंद्रीय विज्ञान और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ.जितेंद्र सिंह ने विज्ञान प्रशासकों के लिए एक सप्ताह के आवासीय प्रशासनिक प्रशिक्षण कार्यक्रम/मॉड्यूल की घोषणा की है। यह भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी (आईएनएसए) की एक पहल है, जिसका नेतृत्व आईएनएसए के अध्यक्ष प्रोफेसर आशुतोष शर्मा कर रहे हैं। उन्होंने ने आज यहां कर्तव्य भवन में मंत्री महोदय से मुलाकात की। डॉ.जितेंद्र सिंह ने इस अग्रणी पहल की सराहना की और निर्देश दिया कि प्रशिक्षण कार्यक्रम को सिविल सेवा प्रशिक्षण मॉड्यूल की तर्ज पर विशिष्ट बनाया जाए, जिससे भावी विज्ञान प्रशासकों को आगे के कार्यों के लिए अनुभव प्राप्त हो सके। नियम-आधारित से भूमिका-आधारित क्षमता निर्माण की ओर बदलाव पर ज़ोर देते हुए उन्होंने निर्देश दिया कि इस मॉड्यूल को मिशन कर्मयोगी के अंतर्गत इंटीग्रेटेड गवर्नमेंट ऑनलाइन ट्रेनिंग (i-GOT) कर्मयोगी पोर्टल पर शामिल किया जाए जिससे व्यापक पहुंच सुनिश्चित हो, फीडबैक के माध्यम से निरंतर प्रगति हो, और देश भर के प्रतिभागियों के लिए कौशल विकास के अवसर उपलब्ध हों। डॉ. जितेन्द्र सिंह ने देश की वैज्ञानिक प्रगति के एक महत्वपूर्ण घटक के रूप में मानव संसाधन क्षमता निर्माण के महत्व पर ज़ोर दिया। उन्होंने विज्ञान प्रशासकों को न केवल प्रबंधक के रूप में बल्कि विकसित भारत के भावी नेतृत्वकर्ता के रूप में भी तैयार करने के लिए मॉड्यूल में संचार कौशल और उद्योग के दृष्टिकोण को शामिल करने का भी सुझाव दिया। प्रो. शर्मा ने कहा कि संरचित मॉड्यूल पीएचडी छात्रों, सहायक प्रोफेसरों और मध्य-कैरियर संकाय को लक्षित करेगा जिससे वे देश की ज्ञान अर्थव्यवस्था के लिए विश्वस्तरीय अनुसंधान, प्रभावशाली शिक्षण और नेतृत्व विकास में योगदान करने में सक्षम होंगे। यह कार्यक्रम वैज्ञानिक संचार, अनुदान लेखन, प्रयोगशाला सुरक्षा, नवाचार, तनाव और समय प्रबंधन, नेटवर्किंग, करियर के अवसर, अनुसंधान समूह प्रबंधन और प्रशासनिक ज़िम्मेदारियों सहित विविध क्षेत्रों को सम्मिलित करेगा। मध्य-कैरियर में वरिष्ठ प्रशासनिक भूमिकाएँ निभाने वाले संकाय सदस्यों के लिए, आईएनएसए, अमेरिकन केमिकल सोसाइटी (एसीएस) के सहयोग से, रणनीतिक निर्णय लेने और परिवर्तन प्रबंधन पर केंद्रित नेतृत्व-केंद्रित सम्मेलनों का आयोजन करेगा। डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि यह पहल न केवल विज्ञान प्रशासकों के निर्माण के बारे में है, बल्कि ऐसे विज्ञान लीडर को तैयार करने के बारे में भी है जो आने वाले दशकों में देश के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी इकोसिस्टम का संचालन कर सकें। संदीप/देवेंद्र/नई दिल्ली/ईएमएस/08/सितंबर/2025