राष्ट्रीय
14-Sep-2025


20 फ़ीसदी जल संग्रहण क्षमता घटी नईदिल्ली (ईएमएस)। भारत में पिछले कई दशकों से बांध बनाए जा रहे हैं। इन बांधों की जल संग्रहण क्षमता लगातार कम होती जा रही है। हर साल बांधों में गाद जमा हो रही है। जिसके कारण बांधों मे क्षमता से कम पानी जमा हो रहा है। देश में 300 से ज्यादा ऐसे बांध हैं। जिनकी जल संग्रहण क्षमता कम होने का असर बिजली उत्पादन पर पड़ने लगा है। सिंचाई के लिए भी कम जल मिल रहा है। बारिश के दौरान बाढ़ नियंत्रण की दिशा में परेशानी होना शुरू हो गई हैं। भोपाल स्थित भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (आईसर) की अध्ययन रिपोर्ट से यह जानकारी प्राप्त हुई है। यह अध्ययन अंतरराष्ट्रीय जनरल स्टोकेस्टिक एनवायरमेंटल रिसर्च एंड रिस्क असेसमेंट में प्रकाशित हुआ है। मध्य प्रदेश के कई बांधों में 20 फ़ीसदी तक कम जल संग्रहीत होने की जानकारी रिपोर्ट मे प्रकाशित हुई है। भारत में जो बांध है, उसमें कई बांध 100 वर्ष पुराने हो चुके हैं। इन बांधों से गाद निकालने का कोई फार्मूला नहीं है। जिसके कारण जल संग्रहण क्षमता साल दर साल घटता जा रहा है। रिपोर्ट में चेतावनी देते हुए कहा गया है। यदि हालात मैं जल्द सुधार नहीं हुआ तो 2050 तक देश के और भी बड़े जलाशय, विशेष रूप से हिमालय क्षेत्र,नर्मदा ताप्ती बेसिन, वेस्टर्न घाट और गंगा के मैदानी इलाकों के बांधों की जल संग्रहण क्षमता 50 फ़ीसदी से भी कम हो जाएगी। इसका सीधा असर बिजली उत्पादन, बाढ़ नियंत्रण और सूखा राहत जैसी योजनाओं पर पडना तय है। एसजे/ 14‎ सितम्बर /2025