लंदन (ईएमएस)। क्रोएशिया के फ्रीडाइवर विटोमिर मारिचिक ने पानी के नीचे 29 मिनट 3 सेकंड तक सांस रोककर नया विश्व रिकॉर्ड कायम किया है। यह रिकॉर्ड पिछले रिकॉर्ड से करीब पांच मिनट ज्यादा है और इंसानी क्षमता का अद्भुत उदाहरण माना जा रहा है। विशेषज्ञ बताते हैं कि फ्रीडाइवर्स ऐसे असंभव लगने वाले काम को विशेष शारीरिक और मानसिक प्रशिक्षण की बदौलत संभव बनाते हैं। वे डायाफ्रामिक ब्रीदिंग, कार्डियो एक्सरसाइज और मेडिटेशन जैसी तकनीकों का अभ्यास करते हैं, जिससे शरीर और दिमाग कठिन परिस्थितियों में भी नियंत्रित रह सके। मारिचिक का कहना है कि लंबे समय तक पानी के भीतर रहने से शरीर पर असर पड़ता है और डायफ्राम सिकुड़ने लगता है, जिससे सांस लेने की इच्छा और भी तेज हो जाती है। लेकिन मानसिक अनुशासन और ध्यान की बदौलत उन्होंने इस चुनौती का सामना किया। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखें तो जब इंसान देर तक सांस रोककर रहता है, तो खून में ऑक्सीजन का स्तर गिरने लगता है और कार्बन डाइऑक्साइड बढ़ जाती है। एक सीमा के बाद डायफ्राम, जो सांस लेने की प्रमुख मांसपेशी है, बार-बार सिकुड़कर सांस लेने के लिए मजबूर करता है। यही स्थिति पानी में जानलेवा साबित हो सकती है। मगर प्रशिक्षित फ्रीडाइवर्स अपने शरीर की इस स्वाभाविक प्रतिक्रिया पर काबू पा लेते हैं और लंबे समय तक शांत रहकर ऑक्सीजन की खपत को कम करते हैं। ध्यान यानी मेडिटेशन भी इस प्रशिक्षण का अहम हिस्सा है। इससे डाइवर्स को डर और बेचैनी पर नियंत्रण पाने में मदद मिलती है और वे कठिन परिस्थितियों में भी मानसिक शांति बनाए रखते हैं। मारिचिक सामान्य परिस्थितियों में 8 से 10 मिनट तक पानी के अंदर सांस रोक सकते हैं, लेकिन रिकॉर्ड बनाने से पहले उन्होंने 10 मिनट तक लगातार गहरी सांसें लीं। इस प्रक्रिया से उनके खून में सामान्य से कई गुना ज्यादा ऑक्सीजन जमा हो गई, जिससे वे लंबे समय तक पानी में रह पाए। मारिचिक ने यह उपलब्धि अपने ही हमवतन बुदीमीर सोबत का रिकॉर्ड तोड़कर हासिल की, जिन्होंने 2021 में यह कारनामा किया था। यह उपलब्धि न सिर्फ इंसान की शारीरिक क्षमता का प्रमाण है बल्कि यह दिखाती है कि मानसिक अनुशासन और प्रशिक्षण से इंसान असंभव लगने वाली सीमाओं को भी पार कर सकता है। बता दें कि इंसान को जिंदा रहने के लिए हवा और पानी दोनों जरूरी हैं, लेकिन हवा के बिना वह चंद मिनट से ज्यादा जीवित नहीं रह सकता। यही कारण है कि सामान्य परिस्थितियों में इंसान पानी में ज्यादा देर तक सांस रोककर नहीं रह पाता। सुदामा/ईएमएस 19 सितंबर 2025