राज्य
01-Oct-2025
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भोपाल/जबलपुर(ईएमएस)। आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW), जबलपुर ने म.प्र. स्टेट सिविल सप्लाई कार्पोरेशन जबलपुर में हुए करोड़ों रुपये के घोटाले के एक मामले में एफआईआर दर्ज की है। यह मामला पद के दुरुपयोग और भ्रष्टाचार से जुड़ा है, जिससे सरकार को ₹42,07,638 की वित्तीय क्षति हुई है। एफआईआर के अनुसार, यह आर्थिक अनियमितता 25 सितंबर 2024 से 27 फरवरी 2025 के बीच की है। मामले में दो प्रमुख आरोपियों के नाम सामने आए हैं: 1. दिलीप किरार (सेवानिवृत्त) – तत्कालीन जिला प्रबंधक, म.प्र. स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन, जबलपुर। 2. शैलेष तिवारी उर्फ कन्हैया तिवारी – निवासी सिविल लाइन, कटनी एवं प्रोपराइटर, जे.एस.आर. एजेंसी, कटनी। कैसे हुआ घोटाला? जांच में सामने आया कि जे.एस.आर. एजेंसी को वर्ष 2023-25 के लिए जबलपुर जिले के गोसलपुर और कछपुरा रैक प्वाइंट से खाद्यान्न के परिवहन एवं अनलोडिंग का ठेका मिला था। परंतु गोदामों की भौगोलिक स्थिति के विपरीत, उन गोदामों से खाद्यान्न को पास के कछपुरा रैक प्वाइंट की बजाय दूर स्थित गोसलपुर रैक प्वाइंट से भेजा गया। • गोसलपुर रैक प्वाइंट के लिए दर: SOR से 134% अधिक • कछपुरा रैक प्वाइंट के लिए दर: SOR से 123% अधिक यानी कम दूरी के बावजूद अधिक दर वाले रैक प्वाइंट से परिवहन दर्शाकर भारी भरकम भुगतान कराया गया, जिससे शासन को ₹42 लाख से अधिक की हानि हुई। जवाबदेही और अपराध की धाराएँ EOW ने जांच उपरांत पाया कि यह कार्य जानबूझकर मिलीभगत से किया गया, जिसमें तत्कालीन जिला प्रबंधक दिलीप किरार ने अपने पद का दुरुपयोग किया और परिवहनकर्ता एजेंसी के प्रोपराइटर के साथ मिलकर शासन को आर्थिक क्षति पहुँचाई। इस पर आरोपियों के विरुद्ध निम्न धाराओं के अंतर्गत प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है: • भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 316(5) एवं 61(2)(ए) • भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 (संशोधित 2018) की धारा 7(सी) आगे की कार्रवाई EOW द्वारा दर्ज इस प्रकरण की विवेचना जारी है और जल्द ही दोनों आरोपियों से पूछताछ की जाएगी। संभावना है कि इस मामले में और भी अधिकारियों की भूमिका की जांच की जाएगी। जुनैद, 01 अक्टूबर, 2025