राज्य
01-Oct-2025
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दो साल से नहीं हुई बच्चों की शादी, मिला सर्टिफिकेट रायपुर (ईएमएस)। छत्तीसगढ़ सरकार ने दावा किया है कि राज्य का बालोद जिला देश का पहला बाल विवाह-मुक्त जिला बन गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘बाल विवाह-मुक्त भारत’ अभियान के तहत जिसे 27 अगस्त 2024 को शुरू किया गया था। छत्तीसगढ़ ने ये ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। राज्य सरकार की ओर से जारी विज्ञप्ति में बताया गया कि बालोद जिले के सभी 436 ग्राम पंचायतों और 9 शहरी निकायों को औपचारिक रूप से बाल विवाह-मुक्त प्रमाणपत्र दिए गए हैं। पिछले दो वर्षों में बालोद जिले से बाल विवाह की कोई भी घटना सामने नहीं आई। दस्तावेज सत्यापन और कानूनी प्रक्रियाओं के बाद पूरे जिले को बाल विवाह-मुक्त घोषित कर दिया गया है, जिससे ये पूरे देश के लिए एक मॉडल बन गया है। बालोद कलेक्टर दिव्या उमेश मिश्रा ने यह उपलब्धि प्रशासन, जनप्रतिनिधियों, आंगनवाड़ी कर्मचारियों और समुदाय की संयुक्त मेहनत का परिणाम बताया। इसी तरह, सुरजपुर जिले की 75 ग्राम पंचायतों को भी पिछले दो वर्षों में बाल विवाह के कोई मामले नहीं आने के बाद बाल विवाह-मुक्त घोषित किया गया। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि राज्य सरकार ने बाल विवाह को समाप्त करना अपनी सबसे बड़ी प्राथमिकता बना रखा है। उन्होंने बताया कि हमारा लक्ष्य है कि पूरे राज्य को 2028-29 तक बाल विवाह-मुक्त घोषित किया जाए। ये केवल सरकारी अभियान नहीं, बल्कि सामाजिक परिवर्तन की प्रतिबद्धता है। यूनिसिेफ का भी रहा योगदान महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने कहा कि बालोद की सफलता यह साबित करती है कि जब समाज और सरकार मिलकर काम करते हैं, तो बाल विवाह जैसी कुप्रथाओं को जड़ से खत्म किया जा सकता है। उन्होंने यूनिसेफ के योगदान को भी सराहा जो तकनीकी मदद, जागरूकता कार्यक्रम और निगरानी तंत्र के माध्यम से इस मुहिम को सफल बनाने में मदद कर रहा है।