लेख
10-Oct-2025
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दरकते पहाड़ बेकसूर मरते लोग एक दुखांत है तबाही का कसूरवार कौन है यह एक यक्ष प्रश्न बनता जा रहा है।बीते सालों 2018 , 2022, 2023, 2024, में भूस्खलन से बहुत ही डरावनी तबाही हुई है। तबाहियों के जख्म अभी तक नहीं भर पाए हैं चार वर्षौं से तबाही ही तबाही हो रही है। पहाड़ी से भूस्खलन होने के हादसे थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। अभी बीतें हादसों की स्याही भी नहीं सूखी थी कि भल्लू पुल पर हुए दर्दनाक हादसे ने नई इबारत लिख दी है। 7 अक्तूबर 2025 मंगलवार का दिन अमंगल कर गया और गमगीन कर गया।एक बार फिर लाशों के ढेर लग गए पल भर में पहाड़ काल बन गया ़और 18 यात्रियों की अनमोल जिंदगीयां लील गया केवल मात्र दो बच्चों समेत तीन लोगों को सुरक्षित निकाल लिया है।मंगलवार शाम को बिलासपुर जिला के बरठीं क्षेत्र के मलारी गांव के पास भल्लू पुल के पास यह दर्दनाक हादसा हुआ। चंद मिनंटों में यह त्रासदी हो गई। चीखो पुकार मच गई शवों के चिथडे बन गए प्राईवेट बस मरोतन से घुमारवीं जा रही थी निजि अभागी बस संतोषी पर भल्लू पुल के पास पहाड़ का मलवा गिरने से जिन्दा लोग मौत के आगोश में समा गए। मलवे से पूरी बस दब गई।यह कोई पहला हादसा नहीं है आंकडों के अनुसार 8 अगस्त 2025 को चंबा में एक कार पर पत्थर गिरने से छह लोगों की मौत हो गई थी। 17 अगस्त 2025 को सिरमौर में निगम की बस पर चटटान गिरने से बस चालक व कुछ लोगों को चोटें आई थी। 12 अगस्त को चंबा में भी एक निजि बस की छत पर चटटान गिरने से तीन बस यात्री घायल हो गए थे। 11 सितंबर 2025 को चंडीगढ़ मनाली मार्ग पर हरिद्वार जा रही बस पर पत्थर गिरने से एक बच्ची घायल हो गई थी। भूस्खलन व बरसात के कहर से प्रदेश में अब तक काफी लोग मारे जा चुके है12 अगस्त 2017 की रात को कोटरोपी में प्रकृति ने अपना रौद्र रुप दिखाकर ऐसी खौफनाक तबाही मचाई की रौगटे खडे हो गए। कोटरोपी में हुए इस हादसे ने पूरे हिमाचली समुदाय को झझकोर दिया था।पल भर में लाशों के ढेर लग गए थे लाशों का ढांपने के लिए कफन कम पड़ गए थे।मौत का यह मंजर सदियों तक याद रहेगा। शनिवार की काली रात को कोटरोपी में प्रकृति का कहर सैकडों अनमोल जिंदगियां लील गया।पठानकोट -मंडी नेशनल हाईवे 154 के कोटरोपी में चलती बसों पर पहाड़ गिरने से 48 लोगों की दर्दनाक मौत गत वर्ष 2024 में आनी के निरमंड में बादल फटने से समेज गांव में बहुत त्रासदी हुई जहां 45 लोग बेमौत मारे गए थे। 2025 में सैंज के पंग्लीयूर में एक ही परिवार के नौ लोग मारे गए है।ंआनी में भी एक ही परिवार के आठ लोग मकान के जमींदोज होने से जिंदा दफन हो गए। 2025 की बेरहम बरसात हिमाचल को गहरे व अमिट जख्म दे गई। जख्म तो भर जाएंगें मगर निशान अमिट रहेगें।मानसून ने बहुत गहरे जख्म दिए हैं। सराज से तबाही का आगाज हुआ जहां बहुत ही खौफनाक मंजर हुआ था। 99 दिन तक मानसून ने ऐसी इबारत लिखी की हर इंसान खौफ के साए में जीने को मजबूर हो गया था।तबाही के समाचार जीवंत तस्वीरें देखकर आत्मा सिहर उठती थी लोग बरसात के डर से रात भर जागतें रहते थे कि पता नहीं बरसात कब आफत बनकर कहर ढायेगी। मानवीय तबाही से लोग एक डरावने माहौल में दिन काट रहे हैं। मानव को आने वाले भविष्य को सुरक्षित करना होगा। विकास के लिए विनाश मत कीजिए। प्रकृति का संरक्षण कीजिए। ईएमएस / 10 अक्टूबर 25