राज्य
10-Oct-2025
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- एनआरआई नर्सिंग कालेज संचालकों, फर्जी फैकल्टी, काउंसिल के अधिकारियों पर एफआईआर की मांग भोपाल(ईएमएस)। मध्यप्रदेश में नर्सिंग कॉलेजों का फर्जीवाड़ा थमने का नाम नहीं ले रहा है। इसे लेकर लगातार लड़ाई लड़ रही एनएसयूआई ने प्रदेश उपाध्यक्ष रवि परमार के नेतृत्व में राजधानी भोपाल में नर्सिंग कॉलेज घोटाले को लेकर एनआरआई नर्सिंग कालेज संचालकों, फर्जी फैकल्टी, काउंसिल के अधिकारियों पर एफआईआर की मांग को लेकर क्राइम ब्रांच में शिकायत की है। * प्रसिंपल कई सालो से विदेश में फिर भी दे दी गई मान्यता मामले को लेकर संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष रवि परमार ने बताया कि एनएसयूआई टीम ने जांच के दौरान पाया कि एनआरआई नर्सिंग कॉलेज, भोपाल ने 2025-26 सत्र की मान्यता के लिए ऐसी फर्जी फैकल्टीयों को दिखाया है, जिसमें प्राचार्य एनसी थामस कई सालो से विदेश में हैं, वहीं ट्यूटर ( टीचर ) पिछले 4 वर्षों से एएसजी आई हॉस्पिटल एमपी नगर में स्टाफ नर्स के रूप में कार्यरत हैं, यह गेस्ट फैकल्टी रश्मि ठाकुर के नाम से दर्ज है, जिनका नाम कॉलेज की फैकल्टी लिस्ट में शामिल कर नर्सिंग काउंसिल से मान्यता प्राप्त कर ली गई। कांग्रेस प्रवक्ता विवेक त्रिपाठी ने कहा कि “यह मामला इस बात का प्रमाण है, कि मध्यप्रदेश में नर्सिंग कॉलेजों में फर्जी फैकल्टियों का खेल अब भी जारी है। शिकायतों के बावजूद मध्यप्रदेश नर्सेस रजिस्ट्रेशन काउंसिल की मान्यता शाखा की प्रभारी माधुरी शर्मा, डिप्टी रजिस्ट्रार धीरज गोविन्दानी और रजिस्ट्रार मुकेश सिंह द्वारा कॉलेज संचालकों से मिलीभगत कर फर्जी मान्यताएं दी जा रही हैं। बड़ी संख्या में संगठन सदस्यो और पदाधिकारियों ने एमपी नगर क्राइम ब्रांच पहुंचकर सहायक पुलिस आयुक्त सुजित तिवारी को लिखित शिकायत सौंपते हुए संबंधित कॉलेज संचालकों, दोषी अधिकारियों और फर्जी फैकल्टी पर एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। एसीपी सुजीत तिवारी ने आश्वासन दिया की जल्दी ही जांच कर उचित कार्यवाही की जायेगीं। * 50 प्रतिशत कॉलेजो में दिखाई गई घोस्ट फैक्लटी रवि परमार का आरोप है की “2025-26 सत्र की मान्यता के लिए प्रदेश के करीब 50 प्रतिशत नर्सिंग कॉलेजों में घोस्ट फैकल्टियां दिखाई गई हैं। यह केवल एक कॉलेज का नहीं, बल्कि पूरे सिस्टम का घोटाला है। अगर सरकार ने इस पर कठोर कार्रवाई नहीं की तो एनएसयूआई राज्यव्यापी आंदोलन करेगी।”एनएसयूआई जिला अध्यक्ष अक्षय तोमर ने कहा कि “यह पूरा मामला चिकित्सा शिक्षा विभाग और अस्पताल प्रशासन की लापरवाही को उजागर करता है। जब एक ही व्यक्ति का रजिस्ट्रेशन दो संस्थानों में अलग-अलग जगह उपयोग हो रहा है, तो यह स्पष्ट प्रमाण है कि प्रदेश में फर्जी फैकल्टियों का नेटवर्क सक्रिय है। अब सवाल यह है कि आखिर कब तक मध्यप्रदेश में घोस्ट फैकल्टी का खेल चलता रहेगा। एनएसयूआई ने मांग की है कि पूरे प्रकरण की भोपाल क्राइम ब्रांच जांचकर एनआरआई नर्सिंग कॉलेज के संचालकों, फर्जी फैकल्टियों व दोषी अधिकारियों पर तत्काल भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी की धाराओं में मामला दर्ज किया जाए। इस मौके पर जिला महासचिव अनिमेष गोल्डी योगेश सोनी अभय राम भक्त उपस्थित थे । जुनेद / 10 अक्टूबर