- आदिवासी कैदियों को रिहा करने वाला मप्र होगा पहला राज्य - आदिवासियों पर दर्ज राजस्व, वन भूमि पर अतिक्रमण संबंधी केस भी वापस होंगे भोपाल(ईएमएस)। जनजातीय नायक बिरसा मुंडा की जयंती के रूप में मनाया जाने वाला जनजातीय गौरव दिवस पर मध्य प्रदेश में एक नया इतिहास रचने जा रहा है। 15 नवंबर को, जनजातीय नायक बिरसा मुंडा की जयंती के अवसर पर, राज्य सरकार द्वारा 29 आदिवासी कैदियों को रिहा किया जायेगा। ऐसा करने वाला मध्य प्रदेश देश का पहला राज्य होगा। इस मौके पर ऐसे आदिवासी कैदियों को रिहा किया जाएगा, जिनका जेल में आचरण अच्छा रहा है। इसके साथ ही, सरकार आदिवासियों पर दर्ज छोटे-मोटे कानूनी मामलों को भी वापस लेने जा रही है। खास तौर पर, राजस्व और वन भूमि से संबंधित अतिक्रमण हटाने संबधी मामलों को वापस लिया जाएगा। आंकड़ों के मुताबिक पिछले 10 सालों में आदिवासियों के खिलाफ वन अपराध से जुड़े 35,807 मामले दर्ज हुए हैं। इनमें से 28,645 मामलों का निपटारा हो चुका है, जबकि 4,396 मामले अभी भी कोर्ट में लंबित हैं। इससे पहले, सरकार ने 2009 तक के 87,549 पुराने मामलों को वापस ले चुकी है। गौरतलब है कि इससे पहले साल में 4 अवसरों 26 जनवरी, 14 अप्रैल, 15 अगस्त और 2 अक्टूबर को बंदियों की रिहाई की जाती है। और साल 2025 के दौरान अब तक गणतंत्र दिवस (26 जनवरी), डॉ. भीमराव अंबेडकर जयंती (14 अप्रैल), स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) और गांधी जयंती (2 अक्टूबर) के अवसर पर कुल 523 बंदियों को रिहा किया जा चुका है। लेकिन अब प्रदेश के मुखिया सीएम मोहन यादव की सरकार की पहल पर 15 नवंबर राष्ट्रीय जनजातीय गौरव दिवस को भी शामिल किया गया है। यह देश में पहली बार होगा जब जनजातीय गौरव दिवस पर भी बंदियों की रिहाई होगी। इस वर्ष इस अवसर पर 29 बंदियों को रिहा करने का प्रस्ताव है, जिनमें 8 अनुसूचित जनजाति वर्ग के बंदी शामिल हैं। इसके साथ ही रिहा होने वाले बंदियो के लिये जेल विभाग सामाजिक पुनर्वास और आश्रित परिवारों की सहायता के लिये समाज कल्याण विभाग के साथ समन्वय कर नीतिगत व्यवस्था तैयार करने की योजना भी बनाई जायेगी। जुनेद / 11 अक्टूबर