सऊदी अरब में अल-नसला रॉक जो दुनिया के वैज्ञानिकों के लिए बनी रहस्य दुबई,(ईएमएस)। सऊदी अरब के तायमा ओएसिस में खड़ा एक रहस्यमय पत्थर दुनिया भर के लोगों को हैरान करता है। इसे अल-नसला रॉक कहा जाता है और इसकी उम्र करीब 4,000 साल आंकी गई है। देखने में यह साधारण-सा है, लेकिन असली चौंकाने वाली बात यह है कि यह पत्थर बीच से एकदम सीधी, रेज़र जैसी धार वाली रेखा में दो बराबर हिस्सों में बंटा हुआ है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक यह कट इतनी परफेक्ट है कि मानो किसी विशालकाय लेज़र से इसे काटा गया हो, लेकिन 4 हज़ार साल पहले कोई लेज़र या आधुनिक मशीन तो थी नहीं यह कुदरत का करिश्मा ही है। वैज्ञानिक आज तक पूरी तरह नहीं समझ पाए हैं कि यह विभाजन किस तरह हुआ। कुछ मानते हैं कि यह प्राकृतिक भूगर्भीय ताकतों और दरारों का नतीजा हो सकता है, जबकि कुछ कहते हैं कि हवा और रेत के कटाव ने हज़ारों साल में यह अद्भुत आकार गढ़ा है। जो भी वजह रही हो, सच यह है कि अल-नसला रॉक अब भी रहस्य की तरह रेगिस्तान की रेत पर खड़ा है। यह हमें याद दिलाता है कि प्रकृति कभी-कभी इतनी सटीक इंजीनियरिंग दिखा देती है कि हमारी सबसे आधुनिक तकनीक भी कल्पना जैसी लगती है। अल-नसला रॉक सऊदी अरब के तैमा क्षेत्र में स्थित एक रहस्यमयी चट्टान है, जो बीच से बिल्कुल सीधे दो भागों में बंटी हुई है, और यह हजारों सालों से छोटे स्तंभों पर टिकी है। यह अविश्वसनीय विभाजन प्राकृतिक अपरदन, रासायनिक अपक्षय और संभवतः प्राचीन भूवैज्ञानिक घटनाओं, जैसे तीव्र हवाएं और भूकंप, के कारण हुआ है, जो चट्टान के नाजुक संतुलन और समरूप विभाजन को समझाते हैं। अल-नसला रॉक एक विशाल बलुआ पत्थर की संरचना है जो बीच में इतनी सटीक रूप से दो हिस्सों में बंटी है कि यह किसी आधुनिक लेज़र से काटी हुई लगती है। दोनों खंड पतली, प्राकृतिक आधारशिलाओं पर टिके हैं, जिससे यह हवा में तैरती हुई नजर आती है। यह चट्टान प्राकृतिक शक्तियों का एक अद्भुत परिणाम है। लाखों सालों के हवा के कटाव और रासायनिक अपक्षय ने इस विभाजन को संभव बनाया है, जिससे यह भूवैज्ञानिक आश्चर्य बन गई है। चट्टान की सतह पर प्राचीन नक्काशी या पेट्रोग्लिफ भी देखे जाते हैं, जिनमें अरबी घोड़ों, आइबेक्स और मनुष्यों के चित्र शामिल हैं। यह चट्टान भूवैज्ञानिकों के लिए अत्यधिक रुचि का विषय है। भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण तकनीकें और 3डी इमेजिंग का इस्तेमाल इसके निर्माण के कारणों और आसपास के क्षेत्र के इतिहास को बेहतर ढंग से समझने के लिए किया जा रहा है। यह चट्टान सऊदी अरब के उत्तरी-पश्चिमी रेगिस्तान में स्थित है, जो तैमा नखलिस्तान से करीब 50 किलोमीटर दक्षिण में मौजूद है। सिराज/ईएमएस 12 अक्टूबर 2025