सियोल (ईएमएस)। दुनिया में शादी कुछ परंपराएं ऐसी हैं जो बेहद खतरनाक और अजीब मानी जाती हैं। ऐसी ही एक परंपरा दक्षिण कोरिया की है। इस रस्म में शादी के बाद जब दूल्हा और दुल्हन अपने नए घर पहुंचते हैं, तो दूल्हे के पैरों को रस्सी से बांध दिया जाता है। उसके दोस्त और रिश्तेदार उसे जूतों या मछली से पीटते हैं। यहां की परंपरा को “बोक-जोरी” या “जेओक-चेओल” कहा जाता है, जिसका अर्थ है “पैर की कोड़ाबंदी।” माना जाता है कि इस प्रक्रिया से दूल्हे की सहनशक्ति और शादीशुदा जीवन में मजबूती परखी जाती है। पुराने समय में दुल्हन को दूल्हे को बचाने के लिए पैसा देना पड़ता था। इस रस्म में कभी-कभी दूल्हे को गंभीर चोटें भी लग जाती थीं। हालांकि, अब इसे ज्यादातर हंसी-खुशी और मनोरंजन की रस्म के रूप में निभाया जाता है। सिर्फ दक्षिण कोरिया ही नहीं, दुनिया के अन्य हिस्सों में भी अजीब शादी की परंपराएं मौजूद हैं। स्कॉटलैंड में “ब्लैकनिंग” रस्म होती है। इसमें दूल्हा और दुल्हन को शादी से पहले सार्वजनिक रूप से सड़क पर ले जाकर कीचड़, सड़े अंडे, आटा, सिरप और पंख फेंके जाते हैं। यह माना जाता है कि यह बुरी आत्माओं को भगाने और शादी की चुनौतियों के लिए तैयारी करने का तरीका है। चीन के तुजिया समुदाय में दुल्हन को शादी से एक महीने पहले रोज़ाना रोना पड़ता है। उसकी मां और दादी भी इस प्रक्रिया में शामिल होती हैं। इसे “रोने की गीत” कहा जाता है। यह रस्म दुल्हन के परिवार से विदाई और भावनात्मक तैयारी का प्रतीक मानी जाती है। माना जाता है कि अगर दुल्हन सही से नहीं रोएगी, तो समाज में उसकी आलोचना होगी। इंडोनेशिया में युवाओं के ऊपरी दांतों को घिसकर समतल किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस प्रक्रिया से व्यक्ति के अंदर छिपी छह बुराइयां काम, क्रोध, लोभ, मोह, मद और ईर्ष्या दूर होती हैं। नीदरलैंड में शादी से पहले दूल्हा और दुल्हन को जंगल में ले जाकर पेड़ काटने का काम करना होता है। इसे जीवन की चुनौतियों का सामना एकजुट होकर और टीम वर्क के साथ करने का प्रतीक माना जाता है। मॉरिटानिया में दुल्हन को शादी से पहले मोटा किया जाता है। वहां वसायुक्त आहार के जरिए उसे अधिक वजन दिया जाता था, क्योंकि मोटापा सुंदरता, धन और समृद्धि का प्रतीक माना जाता था। हालांकि, स्वास्थ्य जागरूकता के कारण यह प्रथा अब कम होती जा रही है। इन परंपराओं में दर्द, साहस, प्रतीकात्मकता और सांस्कृतिक मान्यताओं का मिश्रण देखने को मिलता है। चाहे दक्षिण कोरिया की खतरनाक बोक-जोरी हो, चीन की “रोने की गीत” परंपरा, स्कॉटलैंड का कीचड़ और सड़े अंडों वाला समारोह, इंडोनेशिया के दांत घिसने की प्रथा या मॉरिटानिया में दुल्हन को मोटा करने की रस्म, ये सभी रीति-रिवाज सिर्फ शादी का उत्सव नहीं, बल्कि जीवन की चुनौतियों, सामाजिक विश्वासों और सांस्कृतिक प्रतीकों का भी हिस्सा हैं। सुदामा/ईएमएस 13 अक्टूबर 2025