-सीएम डॉ. मोहन ने दिए जांच के निर्देश, एमपीआरडीसी ने हाई लेवल जांच कमेटी का गठन -भोपाल में 100 मीटर सडक़ धंसी:हादसे के बाद एक लेन का ट्रैफिक रोका गया भोपाल (ईएमएस) । राजधानी भोपाल के सूखी सेवनिया में सडक़ का बड़ा हिस्सा धंसने से बवाल मच गया। वहीं इससे लगी दीवार भी धराशायी हो गई। इस घटना के बाद रोड के निर्माण में इस्तेमाल किए गए सामान की गुणवत्ता पर सवाल खड़े हो गए हैं। वहीं भ्रष्टाचार का अंदेशा भी लगाया जा रहा है। जिसके बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस मामले के जांच के निर्देश दिए हैं। साथ ही एमपीआरडीसी ने हाई लेवल जांच कमेटी का गठन किया है। एमपीआरडीसी ने चीफ इंजीनियर बीएस मीणा की अध्यक्षता में टीम गठित कर दी है। दल में शामिल जीएम मनोज गुप्ता और जीएम आरएस चंदेल वॉल के धंसने के कारणों का पता लगाएगी। रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई होगी। क्षतिग्रस्त इलाके को बैरिकेड कर दिया गया है। वहीं तुरंत मरम्मत का काम शुरू करने के भी निर्देश दिए हैं। बता दें कि साल 2013 में मेसर्स ट्रॉन्सट्राय प्रा. लि. ने बीओटी मॉडल पर सडक़ बनाई थी। मेसर्स ट्रॉन्सट्राय प्रा लि ने अनुबंध की शर्तों का पालन नहीं किया था। इस कारण साल 2020 में कंपनी का कॉन्ट्रैक्ट निरस्त कर दिया गया था। बता दे इन कि भोपाल-विदिशा रोड एनएचआई 46 पर रेलवे ट्रैक के ऊपर से जाने वाले ब्रिज का 50 मीटर सडक़ धंसने से 20 फीट गड्ढा हुआ था। गनीमत रही कि हादसे के वक्त कोई व्यक्ति और वाहन मौजूद नहीं था। हादसे के बाद प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आई है। नहीं हुई कोई जनहानि सौभाग्य से घटना के वक्त सडक़ पर कोई वाहन नहीं था, जिससे कोई जनहानि नहीं हुई। जानकारी के मुताबिक यह घटना दोपहर 12 से 1 बजे के बीच हुई। यह सडक़ मध्यप्रदेश रोड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन के अधीन आती है और इंदौर, होशंगाबाद, जबलपुर, जयपुर, मंडला और सागर जैसे शहरों को जोड़ती है।ब्रिज के पास रिटेनिंग वॉल ढहने का वीडियो भी सामने आया है, जिसमें पहले पत्थर सरकते दिखाई देते हैं और फिर वॉल का एक हिस्सा गिर जाता है। सूचना मिलते ही मध्यप्रदेश सडक़ विकास निगम के अधिकारी और स्थानीय प्रशासन के अधिकारी तत्काल मौके पर पहुंच गए। सुरक्षा की दृष्टि से पूरे क्षतिग्रस्त क्षेत्र को बैरिकेड कर दिया गया है ताकि किसी प्रकार की अप्रिय घटना न हो। फिलहाल, सडक़ धंसने के कारणों की जांच के साथ ही मरम्मत शुरू कर दी गई है। सूखी सेवनिया थाना प्रभारी रामबाबू चौधरी ने बताया कि ब्रिज धंसने के बाद ट्रैफिक को डायवर्ट किया है। समय पर मेंटेनेंस होता तो नहीं धंसती सडक़ जिस किसान आशीष यादव के खेत के किनारे ये सडक़ धंसी है, उनका कहना है कि हर साल यहां मेंटेनेंस का काम चलता रहता है, लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया जाता। यदि समय रहते मेंटेनेंस किया जाता तो यह सडक़ नहीं धंसती। जांच के लिए बनाई टीम घटना पर एमपीआरडीसी ने जांच दल गठित किया है, जिसमें मुख्य अभियंता बीएस मीणा, जीएम मनोज गुप्ता और जीएम आरएस चंदेल शामिल हैं। यह दल आर-ई वॉल के धंसने के कारणों की तकनीकी जांच कर जल्द ही अपनी रिपोर्ट शासन को देगा। इसके आधार पर जरूरी कार्रवाई की जाएगी। मामले को गंभीरता से लेते हुए एमपीआरडीसी के प्रबंध संचालक भरत यादव ने स्पष्ट किया है कि यदि जांच रिपोर्ट में किसी प्रकार की लापरवाही या अनियमितता पाई जाती है, तो संबंधित जिम्मेदार के विरुद्ध कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।