क्षेत्रीय
13-Oct-2025
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ग्वालियर (ईएमएस)। गैर भाजपाई राजनीतिक दल और सामाजिक संगठनों ने गांधी जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर फूल बाग पर मानव श्रृंखला बनाकर ग्वालियर के भाईचारे का संकल्प लिया । ग्वालियर के भाईचारे और सांप्रदायिक सद्भाव की परंपरा को जारी रखने के लिए प्रस्ताव को मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव मंडल के सदस्य राम विलास गोस्वामी ने पढ़कर सुनाया और उपस्थिति आम जन उसे दोहराया। हम भारत के लोग ग्वालियर में कुछ गैर जिम्मेदार लोगों ने जातिय विवाद पैदा कर ग्वालियर में उन्माद पैदा कर दिया है उसकी निंदा करते हैं। हम सभी इस विवाद के लिए मध्यप्रदेश सरकार और ग्वालियर के प्रशासन को जिम्मेदार मानते हैं। सर्व विदित है कि कोर्ट परिसर में अंबेडकर की प्रतिमा लगाने पर एक सहमति के अनुसार ही मूर्ति लाई गई और पीडब्ल्यूडी ने पैटस्टल तैयार किया था और प्रतिमा लगाते समय हुए विवाद पर ही सरकार और प्रशासन अपनी जिम्मेदारी निभाते तो आज ये नोवत नहीं आई होती। हमारा मानना है कि डॉक्टर अंबेडकर के खिलाफ की गई टिप्पणी निंदनीय है और डॉक्टर अंबेडकर का अपमान बता कर कुछ लोग गाली गलौज कर रहे हैं हम उसकी भी हम निंदा करते हैं हमारा मानना है कि डाक्टर अंबेडकर साहब ने अछूतों के सवाल को लेकर बहुत सारे आंदोलन किये उन्होंने मनुस्मृति को जलाया। यहां पर जूते मारने मां बहन तक पहुंचने की भाषा से डा, अंबेडकर साहब के प्रति सम्मान नहीं अपमान अधिक है। हमारा मानना है कि कुछ लोग अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए ग्वालियर में शुरू में पंडित वर्सेस जाटव और अब सवर्ण और दलित विवाद खड़ा कर रहे हैं जो बिल्कुल ग्वालियर की परंपरा और सामाजिक सद्भाव के खिलाफ है। ग्वालियर तानसेन और मोहम्मद गौस की विरासत है ग्वालियर महारानी लक्ष्मीबाई और बीरांगना झलकारी बाई की वीरता और मजदूर आंदोलन में 1946 की गरीबा,रधोला, नथुआ और गेंदालाल दलित नेताओं की अमरचंद भाटिया की शहादत का शहर है, कक्का डोंगर सिंह, कॉमरेड रामचंद्र सर्वटे जैसे महान स्वतंत्रता सेनानीयों के जिले को जातिवादी दंगल और अराजकता का अखाड़ा नहीं बनने देंगे। हम ग्वालियर में किये जा रहे जातिवादी उन्माद के खिलाफ हैं और ग्वालियर में भाईचारे को बनाए रखने की आमजन से अपील करते हैं। मौन मानव श्रृंखला के समय भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी म प्र राज्य कार्यकारिणी सदस्य कॉमरेड कौशल शर्मा एडवोकेट, कॉम अनवर खान, कॉम रमेश सविता, कॉम शमीम मोहम्मद, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के रामविलास गोस्वामी, अखिलेश यादव, एमके जायसवाल, भगवान दास सैनी, मोहम्मद यूसुफ, रामबाबू जाटव, भाकपा माले के विनोद रावत, मयंक रावत कांग्रेस के महाराज सिंह पटेल, राकेश बाथम, रामनिवास शर्मा, सामाजिक संगठनों के महेंद्र सिंह बौद्ध, किशन लाल बौद्ध, विजय सिंह बौद्ध, समाजवादी पार्टी के डॉ राकेश खरे सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता शामिल रहे।