भुवनेश्वर (ईएमएस)। कलिंगा स्टेडियम में आयोजित 28वें आईटीटीएफ-एटीटीयू एशियाई टीम चैंपियनशिप में भारतीय टेबल टेनिस की निराशाजनक स्थिति बरकरार रही। पुरुष टीम की असफलता के बाद, राष्ट्रीय गौरव को बहाल करने की जिम्मेदारी महिला टीम पर थी, लेकिन वह भी क्वॉलिफायर सिंगापुर के सामने 3-2 से हारकर बाहर हो गई। यह हार भारतीय महिला टीम की पुरानी कमजोरियों - अनिश्चितता, घबराहट और निर्णायक क्षणों में पिछड़ने को फिर उजागर करती है। मनीका बत्रा अपनी लय में नहीं दिखीं और अपनी रैंकिंग से सौ से अधिक स्थान नीचे की रक्षात्मक खिलाड़ी के सामने संघर्ष करती नजर आईं। वहीं, दिया चितले 2-1 की बढ़त लेने के बावजूद दबाव में पिछड़ गईं, जिससे जीत का मौका हाथ से निकल गया। यशस्विनी घोरपड़े की जुझारू जीत भी टीम को गति नहीं दे पाई। अंततः सिंगापुर ने वहाँ धैर्य बनाए रखा जहाँ भारत विफल रहा, यह हार दिखाती है कि भारतीय महिला टेबल टेनिस की प्रतिभा अभी भी सिर्फ वादा है, प्रदर्शन नहीं। इस बीच, शीर्ष वरीयता प्राप्त चीनी महिला टीम ने थाईलैंड को एकतरफा मुकाबले में 3-0 से हराया। पुरुष वर्ग के क्वार्टर फाइनल में अप्रत्याशित मोड़ देखने को मिला, जब ईरान के 15 वर्षीय बेन्यामिन फ़राजी ने विश्व नंबर 2 लिन शिडोंग (चीन) को 3-2 से चौंका दिया। फ़राजी ने निर्णायक गेम 11-9 से जीतकर सभी को हैरान कर दिया। हालांकि, चीन ने अंत में ईरान पर 3-1 से जीत दर्ज की। चीन के लिआंग जिंगकुन ने नोशाद आलमियान को कड़े मुकाबले में हराया। एक अन्य मुकाबले में, चीनी ताइपे ने संघर्षपूर्ण मुकाबले में डीपीआर कोरिया को 3-2 से हराया। प्रकाश/13 अक्टूबर 2025