राष्ट्रीय
15-Oct-2025


ललन, कुशवाहा और यादव बिना सूची में नाम आए ही नामांकन भर दिया पटना,(ईएमएस)। बिहार विधानसभा चुनाव के लिए एनडीए में सीट बंटवारा हो चुका है। बीजेपी और जेडीयू दोनों 101-101 सीटों पर चुनाव लड़ रही हैं, जबकि चिराग पासवान की लोजपा-रामविलास को 29 सीटें दी गई हैं। एनडीए के सभी नेताओं को साथ लेकर तस्वीर जारी की और ऐलान किया कि हम सीट बंटवारे में आगे निकल गए, लेकिन हालात उतने सामान्य नहीं हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बिहार में चार विधानसभा चुनाव जेडीयू और बीजेपी मिलकर लड़ चुके हैं, लेकिन ऐसा पहली बार है, जब बीजेपी की सीटें जेडीयू के बराबर हैं। अब तक जेडीयू को ज्यादा सीटें मिला करती थीं। इसके पीछे बीजेपी 2020 के अपने स्ट्राइक रेट को वजह बता रही है, लेकिन जेडीयू में ऑल इज वेल नहीं है। अब खबर सामने आई है कि नीतीश कुमार बीजेपी के साथ बराबरी वाले सीट बंटवारे से नाराज हैं। इसके अलावा उनकी असहमति लोजपा के खाते में 29 सीटें जाने से भी है, जिसकी ओर से बीते चुनाव में जेडीयू के खिलाफ उम्मीदवार खड़े किए गए थे और नीतीश की पार्टी को झटका लगा था। इस नाराजगी का पता इससे भी चलता है कि अब तक जेडीयू ने उम्मीदवारों की सूची जारी नहीं की है। ललन सिंह, उमेश कुशवाहा और बिजेंद्र यादव जैसे नेता बिना सूची में आए ही नामांकन दाखिल कर चुके हैं। उमेश कुशवाहा जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष हैं। भरोसेमंद लोगों को जेडीयू की ओर से सिंबल दिया जा रहा है, लेकिन सूची जारी नहीं की है। हालांकि संजय झा का कहना है कि जल्द ही जेडीयू के उम्मीदवारों की सूची आ जाएगी। रिपोर्ट के मुताबिक कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार ने कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा और ललन सिंह से नाराजगी जाहिर की है। इस बीच बीजेपी भी सक्रिय है और नीतीश कुमार को मनाने की कोशिशें होंगी। खबर है कि उससे पहले बीजेपी खुद अपने स्तर पर स्पष्ट होना चाहती है। इसीलिए उपेंद्र कुशवाहा दिल्ली पहुंच रहे हैं और चिराग पासवान पहले से ही वहां मौजूद हैं। इस बैठक के बाद अमित शाह खुद गुरुवार को पटना जाएंगे और तीन दिन यही रहेंगे। 17 तारीख को पहले चरण के लिए नामांकन का आखिरी दिन है। बीजेपी नेतृत्व और जेडीयू की कोशिश होगी कि 17 तारीख तक सभी मसले हल कर लिए जाएं। वहीं धर्मेंद्र प्रधान से लेकर संजय झा तक सभी नेता कह रहे हैं कि कोई समस्या नहीं है, लेकिन जिस तरह दिल्ली से पटना तक बैठकें चल रही हैं, उससे ऑल इज वेल के हालात नहीं दिख रहे हैं अंदर कुछ तो चल रहा है। एक सीनियर जेडीयू नेता का कहना है कि कुछ नेताओं में नाराजगी है क्योंकि उन्हें लगता है कि उनकी सीट छिन सकती है। बीजेपी के खाते में सीट जाने की आशंका है। इसकी वजह यह भी मानी जा रही है कि नीतीश पहले जैसे स्वस्थ नहीं हैं। इसके अलावा फैसलों में कुछ अन्य नेताओं के दखल से भी जेडीयू में लोग असहज हैं। सिराज/ईएमएस 15अक्टूबर25 ------------------------------------