नई दिल्ली (ईएमएस)। आंतकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (जेम) का सरगना मसूद अजहर ऑपरेशन सिंदूर के बाद से पाकिस्तान में किसी बिल में छिपा हुआ है। भारतीय सशस्त्र बलों ने आपरेशन सिंदूर के दौरान उसके संगठन को बड़ा नुकसान पहुँचाया है और उसके कई करीबी लोग (जिसमें उसका भाई रऊफ अजगर भी शामिल है) ऑपरेशन में मारे गए हैं। जिसके बाद से पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के इशारे पर मसूद अजहर डर के मारे किसी बिल में छुप गया है। दरअसल पाकिस्तानी सेना और आईएसआई भी चाहती हैं कि आंतकी मसूद अभी बिल में छुप रहे। क्योंकि भारतीय खुफिया एजेंसी की नजर आंतकी अजहर पर है। लेकिन आंतकी अजहर की इस चुप्पी ने जेम कार्यकर्ताओं को बेचैन कर दिया है और वे नेतृत्व की कमी महसूस कर रहे हैं। पहले, अजहर के छिपने पर उसका भाई रऊफ अजगर संगठन का प्रभार लेता था, लेकिन ऑपरेशन सिंदूर में अजगर भी मारा गया। अब, वैचारिक प्रमुख अजहर और ऑपरेशन प्रमुख अजगर दोनों की अनुपस्थिति में कार्यकर्ताओं का संगठन पर से विश्वास उठ रहा है। इसके लिए कार्यकर्ताओं का मनोबल बनाए रखने के लिए, जेम नई शाखाएं खोलने और अन्य गतिविधियां शुरू करने की खबरें फैला रहा है। वे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का उपयोग करके अजहर की तस्वीरें और वीडियो बनाकर प्रसारित कर रहे हैं, ताकि कार्यकर्ताओं को यह विश्वास दिलाया जा सके कि उनका मुखिया सुरक्षित है। आंतकी संगठन को लगाता हैं कि इसतरह के प्रयास यदि सफल होते हैं तब भविष्य में संगठन को पुर्नजीवित किया जा सकता है। इसलिए अपने आंतकियों को एकजुट रखने के लिए जैश-ए-मोहम्मद अब एआई तकनीक का उपयोग कर रहा है। वहीं भारतीय एजेंसियों ने चेतावनी दी है कि जैश-ए-मोहम्मद कोई बड़ा हमला नहीं करेगा, लेकिन दुष्प्रचार वीडियो का प्रसार बढ़ा सकता है। जैश-ए-मोहम्मद के कमजोर होने और नेतृत्व की कमी से पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई को कार्यकर्ताओं के बीच असंतोष बढ़ने का डर है। कई जैश-ए-मोहम्मद कार्यकर्ता तालिबान के साथ पाकिस्तान के बिगड़ते संबंधों से भी नाखुश हैं, जिससे दलबदल का खतरा बढ़ गया है। वहीं पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई जैश-ए-मोहम्मद के कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने के लिए भारत पर बड़ा हमला करने का विचार कर सकता है, लेकिन यह बहुत जोखिम भरा है क्योंकि उन्हें पता है कि भारत सरकार इसतरह के किसी भी दुस्साहस का कड़ा जवाब देगी। आशीष/ईएमएस 16 अक्टूबर 2025