गुना (ईएमएस) । दीपावली जैसे बड़े त्योहार से पहले मिलावटखोरों पर शिकंजा कसते हुए खाद्य विभाग ने गुरुवार को शहर में बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया। टीम ने मुखबिर की सूचना पर छापा मारते हुए भारतीय डाक विभाग की पार्सल गाड़ी से पांच लाख रुपए कीमत का संदिग्ध मावा जब्त किया। इस कार्रवाई ने पूरे शहर में सनसनी फैला दी, क्योंकि जिस गाड़ी से यह मावा आया था वह कोई निजी वाहन नहीं बल्कि सरकारी डाक विभाग की पार्सल गाड़ी थी, जिस पर सामान्यत: किसी अधिकारी को संदेह भी नहीं होता। खाद्य निरीक्षक नवीन जैन ने बताया कि उन्हें सूचना मिली थी कि ग्वालियर की ओर से एक डाक पार्सल गाड़ी में संदिग्ध मावा गुना आ रहा है। सूचना मिलते ही विभाग की टीम ने गुप्त रूप से वाहन की निगरानी शुरू की। बताया गया कि गाड़ी ने पहले सामान्य डाक पार्सल उतारे, लेकिन टीम ने मौके पर दबिश दी तो वाहन से 40 कट्टे मावा के बरामद हुए, जिनका वजन करीब 20 क्विंटल बताया जा रहा है। जब्त किए गए मावा की अनुमानित कीमत करीब पांच लाख रुपए आंकी गई है। खाद्य विभाग ने मौके पर ही संदिग्ध मावा के सैंपल लेकर लैब जांच के लिए भेज दिए हैं। साथ ही गाड़ी में मौजूद दो व्यक्तियों को पूछताछ के लिए हिरासत में लेकर विभाग कार्यालय लाया गया। प्रारंभिक पूछताछ में खुलासा हुआ कि मावा गुना और अशोकनगर के कुछ व्यापारियों के लिए भेजा जा रहा था। जांच टीम ने बताया कि इस गाड़ी में गुना और अशोकनगर के व्यापारियों के कोड लिखे हुए कट्टे मिले हैं। अब विभाग इन व्यापारियों को नोटिस देकर आगे की कार्रवाई करेगा। खाद्य निरीक्षक नवीन जैन ने बताया कि दीपावली के दौरान मिलावटी मावा और मिठाई की बिक्री पर सख्त निगरानी रखी जा रही है। यह मामला बेहद गंभीर है, क्योंकि सरकारी डाक गाड़ी का उपयोग मावा तस्करी के लिए किया जाना एक बड़े सिंडिकेट की संलिप्तता की ओर इशारा करता है। फिलहाल विभाग इस बात की जांच कर रहा है कि आखिर यह संदिग्ध मावा कब से डाक पार्सल के जरिए जिले में भेजा जा रहा था। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि गाड़ी को राजसात करने की प्रक्रिया खाद्य विभाग के दायरे में नहीं आती, लेकिन इस प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए डाक विभाग और आरटीओ अधिकारियों को पत्र लिखकर अलग से कार्रवाई की अनुशंसा की जाएगी। खाद्य विभाग की इस बड़ी कार्रवाई से मावा कारोबारी और मिठाई विक्रेताओं में हडक़ंप मच गया है। दीपावली से पहले की यह जब्ती इस बात की गवाही देती है कि मिलावटखोर किस हद तक नए तरीके अपनाने लगे हैं। विभाग अब इस बात की तहकीकात में जुट गया है कि ग्वालियर से लेकर गुना और अशोकनगर तक इस गोरखधंधे में कौन-कौन शामिल है। सीताराम नाटानी /ईएमएस/