इन्दौर (ईएमएस) मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय खंडपीठ इन्दौर में जस्टिस प्रणय वर्मा की स्पेशल वैकेशन बैंच द्वारा परिवार वालों की मर्जी के खिलाफ शादी करने पर लड़की के परिजनों से जान का खतरा बताते लगाई याचिका पर सुनवाई करते पुलिस को निर्देश दिए कि नवविवाहित जोड़े को आवश्यक पुलिस संरक्षण दिए जाएं। कोर्ट ने पुलिस को आवश्यक सुरक्षा एवं उचित कार्रवाई के निर्देश देते संबंधित थाना प्रभारी के लिए यह भी निर्देश जारी कि वे अपना मोबाइल नंबर भी याचिकाकर्ता को उपलब्ध कराए, ताकि किसी इमरजेंसी पर वे किसी भी समय उनसे संपर्क कर सकें। यही नहीं कोर्ट ने याचिकाकर्ता जोड़े को भी निर्देश दिए कि वह इंदौर एसपी के समक्ष उपस्थित होकर प्रताड़ित किए जाने वालों के नाम बताएं। यदि उनके लिए एसपी तक पहुंचना संभव नहीं हो तो वे नजदीक के पुलिस थाने पर जाकर वहां पूरी स्थिति स्पष्ट बताएं। याचिका घरवालों की मर्जी के खिलाफ भागकर शादी करने वाले रिजवान खान एवं सारा खान की ओर से दायर की गई थी जिसमें कोर्ट से सुरक्षा की गुहार लगाते बताया गया था कि, वे दोनो बालिग हैं और उन्होंने अपनी मर्जी से शादी कर ली है। उन्होने बालिग होने एवं शादी से सम्बन्धित दस्तावेज भी कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत करते हुए कोर्ट को बताया कि युवती के परिजनों द्वारा कथित तौर पर प्रताड़ित किया जा रहा है, जिससे उनकी जान को खतरा है। इस याचिका पर सुनवाई करते हाइकोर्ट की वेकैशन बेंच ने सुप्रीम कोर्ट के एक न्याय दृष्टांत का हवाला देते हुए पुलिस और याचिकाकर्ता को उक्त निर्देश दिए और अपनी टिप्पणी में कहा कि बालिग को अपनी मर्जी से शादी करने पर किसी के भी द्वारा प्रताड़ित नहीं किया जा सकता। आनन्द पुरोहित/24 अक्टूबर 2025