भोपाल (ईएमएस)।पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने शनिवार को अपने निवास पर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में भाजपा पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि परासिया में जहरीली कफ सिरप ‘कोल्ड्रिफ’ से 26 बच्चों की मौत हुई है और सरकार ने अब तक किसी जिम्मेदार अधिकारी या मंत्री पर कोई कार्रवाई नहीं की है। दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया कि इस सिरप में डायथलीन ग्लायकॉल की मात्रा 48.6% पाई गई, जबकि मानक सीमा 0.01% से अधिक नहीं होनी चाहिए। इसके बावजूद, 2 अक्टूबर को प्रदेश के उपमुख्यमंत्री (जो स्वास्थ्य मंत्री भी हैं) ने इस मामले में किसी गड़बड़ी से इनकार करते हुए क्लीनचिट दे दी। सिंह ने सवाल उठाया, “क्या ऐसे व्यक्ति को अपने पद पर बने रहने का अधिकार है? क्या उन्हें इस्तीफा नहीं देना चाहिए?” उन्होंने कहा कि दिसंबर 2022 और 2023 में भी हिंदुस्तान में बनी दवाओं में DEG की मिलावट के कारण उज्बेकिस्तान में 18 बच्चों की मौत हुई थी, लेकिन केंद्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस पर कोई सख्त कार्रवाई नहीं की। भाजपा पर लगा चंदा लेने का आरोप दिग्विजय सिंह ने आगे कहा कि भाजपा को दवा कंपनियों से इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए ₹945 करोड़ का चंदा मिला। इनमें से 35 फर्म ऐसी थीं जिनकी दवाओं की गुणवत्ता मानकों पर खरी नहीं उतरी। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने “चंदा दो, धंधा लो” की नीति अपनाकर जनता के स्वास्थ्य से खिलवाड़ किया है। नकली दवाओं के कारोबार पर उठाए सवाल कांग्रेस नेता ने कहा कि मध्यप्रदेश और देश में नकली दवाओं का कारोबार बड़े पैमाने पर फल-फूल रहा है। जहरीली कफ सिरप से हुई मासूम बच्चों की मौतें इसका ताजा उदाहरण हैं। उन्होंने कहा कि राज्य स्वास्थ्य समिति, जिसके अध्यक्ष मुख्यमंत्री और सह-अध्यक्ष स्वास्थ्य मंत्री हैं, ने इस मामले पर कोई ध्यान नहीं दिया। दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया कि सरकारी संस्थाओं ने गुणवत्ता नियंत्रण और सार्वजनिक-निजी साझेदारी के तहत निगरानी जैसे दायित्वों को पूरी तरह नजरअंदाज किया, जिससे यह त्रासदी हुई।