वॉशिंगटन(ईएमएस)। अमेरिका में 1 अक्टूबर से जारी सरकारी शटडाउन अब 24वें दिन में पहुंच गया है। यह अब तक के इतिहास का दूसरा सबसे लंबा शटडाउन बन गया है। इससे पहले 2018 में 35 दिन और 1995 में 21 दिन तक सरकार ठप रही थी। ताजा स्थिति में 7.5 लाख से अधिक सरकारी कर्मचारी या तो बिना वेतन काम कर रहे हैं या बिना सैलरी के छुट्टी पर हैं। कई कर्मचारियों को अपने घर का खर्च चलाने के लिए कर्ज लेना पड़ रहा है। दरअसल सीनेट में 20 अक्टूबर को फंडिंग बिल पास करने के लिए 11वीं बार वोटिंग हुई, लेकिन जरूरी 60 वोटों में से केवल 55 वोट ही मिल पाए। इसके चलते गतिरोध जारी है। इस पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने विपक्षी डेमोक्रेट्स पर निशाना साधते हुए कहा, हम उनके पागलपन भरे दबाव में नहीं झुकेंगे। डेमोक्रेट सांसदों को जनता के हित में आगे आना चाहिए। विवाद की जड़: ओबामा हेल्थ केयर सब्सिडी शटडाउन का मुख्य कारण ओबामा हेल्थ केयर एक्ट पर असहमति को बताया गया है। डेमोक्रेट्स चाहते हैं कि हेल्थ इंश्योरेंस सब्सिडी बढ़ाई जाए, ताकि गरीबों को राहत मिले। वहीं रिपब्लिकन पार्टी का तर्क है कि इससे सरकारी खर्च बढ़ेगा और अन्य विभागों के काम प्रभावित होंगे। यह शटडाउन चार मायनों में है अलग राजनीतिक टकराव बढ़ा: अब बातचीत की जगह आरोप-प्रत्यारोप हावी हैं। डेमोक्रेट बनाम ट्रम्प टकराव: ट्रम्प फंडिंग पर नियंत्रण रखना चाहते हैं, डेमोक्रेट्स इसका विरोध कर रहे हैं। रिपब्लिकन रणनीति: ट्रम्प इसे सरकारी नौकरियों और योजनाओं में कटौती का मौका मान रहे हैं। अर्थव्यवस्था पर असर: अनुमान है कि हर हफ्ते 0.2 प्रतिशत जीडीपी का नुकसान हो रहा है। यदि गतिरोध जल्द नहीं सुलझा, तो यह शटडाउन 2018 के 35 दिन वाले रिकॉर्ड को भी पार कर सकता है, जिससे अमेरिकी अर्थव्यवस्था और प्रशासन दोनों पर भारी असर पड़ने की आशंका है। हिदायत/ईएमएस 26अक्टूबर25