वॉशिंगटन(ईएमएस)। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ प्रस्तावित मुलाकात को समय की बर्बादी करार दिया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि वह पुतिन से तब तक नहीं मिलेंगे, जब तक रूस और यूक्रेन के बीच शांति समझौता सुनिश्चित न हो। यह बयान तब आया, जब बुडापेस्ट में दोनों नेताओं की युद्ध समाप्ति पर चर्चा के लिए मुलाकात की घोषणा हो रही थी। अब यह मुलाकात संभवतः नहीं होगी। यह बैठक रूस-यूक्रेन के पांच साल से चल रहे युद्ध को खत्म करने में महत्वपूर्ण मानी जा रही थी। एशिया दौरे पर रवाना होने से पहले ट्रंप ने अपने विमान में पत्रकारों से बातचीत में कहा, मुझे यह पक्का करना होगा कि हम किसी समझौते पर पहुंच रहे हैं। मैं समय बर्बाद नहीं करूंगा। पुतिन के साथ मेरे रिश्ते हमेशा अच्छे रहे हैं, लेकिन यह स्थिति निराशाजनक है। ट्रंप और पुतिन की आखिरी मुलाकात 15 अगस्त को अलास्का में हुई थी, जिसे दोनों पक्षों ने यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के लिए उपयोगी माना था। ट्रंप ने 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद की शपथ लेने से पहले दावा किया था कि वह रूस-यूक्रेन युद्ध को एक दिन में खत्म कर देंगे। शपथ के बाद उन्होंने इस दिशा में कदम उठाए। उन्होंने पुतिन से फोन पर और आमने-सामने बात की, यूक्रेन को हथियारों की आपूर्ति रोकी, और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के साथ सार्वजनिक बहस भी की। हालांकि, इन प्रयासों के बावजूद पुतिन अपनी मांगों पर अड़े रहे। कुछ हफ्ते पहले ट्रंप ने स्वीकार किया कि यह युद्ध सुलझाना उनके लिए भी चुनौतीपूर्ण है। ट्रंप का यह रुख दर्शाता है कि वह बिना ठोस परिणाम की संभावना के पुतिन से मुलाकात को तैयार नहीं हैं। यह स्थिति वैश्विक कूटनीति में एक नया मोड़ ला सकती है, क्योंकि रूस-यूक्रेन युद्ध का समाधान अभी भी दूर नजर आता है। ट्रंप की यह शर्त दोनों देशों के बीच तनाव को और जटिल कर सकती है, जबकि विश्व समुदाय शांति की उम्मीद में उनकी अगली रणनीति पर नजर रखे हुए है। बता दें 20 जनवरी को शपथ लेने से पहले भी ट्रंप रूस-यूक्रेन युद्ध को एक दिन के अंदर खत्म कराने का दावा करते थे। शपथ लेने के बाद ट्रंप ने जब इस युद्ध को रोकने का बीड़ा उठा लिया। उन्होंने पुतिन से फोन पर और सामने से बात की। यूक्रेन की हथियार सप्लाई पर भी रोक लगा दी। यहां तक कि यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की के साथ कैमरे के सामने बहस भी कर ली, लेकिन इसके बाद पुतिन नहीं झुके। कुछ हफ्तों पहले ट्रंप ने भी इस बात को स्वीकार किया कि इस युद्ध को सुलझाना उनके लिए भी आसान नहीं है। वीरेंद्र/ईएमएस/26अक्टूबर2025