लंदन (ईएमएस)। पैर क्रॉस कर बैठने की मुद्रा व्यक्ति के आत्मविश्वास, व्यक्तित्व और मानसिक स्थिति के बारे में बहुत कुछ बताती है। जिस तरह कोई अपने पैरों को क्रॉस करता है, उससे उसके भीतर के भाव और सोच झलकते हैं। बॉडी लैंग्वेज के विशेषज्ञों के अनुसार, पुरुषों में अक्सर देखा जाता है कि वे एक टखने को दूसरे घुटने के ऊपर रखते हैं, जिसे “फिगर 4 पोज” कहा जाता है। यह आत्मविश्वास, खुलेपन और सहजता का संकेत है। वहीं, महिलाएं घुटनों पर पैर क्रॉस करके और एक पैर को आगे की ओर हल्का फैलाकर बैठना पसंद करती हैं। यह मुद्रा न केवल शालीनता और सौंदर्य को दर्शाती है बल्कि आत्म-नियंत्रण और आत्म-सम्मान का भी प्रतीक है। कई लोगों के लिए यह मुद्रा आरामदायक भी होती है। लंबे समय तक बैठने वालों को यह कूल्हों और पीठ पर पड़ने वाले दबाव को कम करने में मदद करती है। ब्रिटिश शाही परिवार की सदस्य केट मिडलटन और मेघन मार्कल को अक्सर इसी तरह बैठते देखा गया है, जिससे यह मुद्रा गरिमा और संतुलन का प्रतीक मानी जाती है। हालांकि, पैर क्रॉस करके बैठना हमेशा सहजता का संकेत नहीं होता। यदि कोई व्यक्ति पैर और हाथ दोनों को कसकर पकड़कर बैठा हो, तो यह उसकी भावनात्मक असुरक्षा या तनाव को दर्शा सकता है। वहीं, किसी व्यक्ति का पैर आपकी दिशा में मुड़ा होना इस बात का संकेत है कि वह आप या आपकी बातों में रुचि रखता है। फोटोशूट्स या फैशन शोज़ में मॉडल्स भी इस पोज़ का इस्तेमाल करती हैं क्योंकि इससे उनके पैर लंबे और आकर्षक दिखते हैं। खड़े होकर पैर क्रॉस करना थकान मिटाने या शरीर के संतुलन को बदलने का तरीका भी हो सकता है। हालांकि इस मुद्रा के कुछ शारीरिक नुकसान भी हैं। लंबे समय तक पैर क्रॉस करके बैठने से ब्लड सर्कुलेशन बाधित हो सकता है, जिससे पैरों में सुन्नपन, ऐंठन या वेरिकोज वेन्स की समस्या हो सकती है। विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि बैठने के बीच-बीच में उठकर टहलें और पैरों को सीधा रखें, ताकि रक्त प्रवाह सामान्य बना रहे। सुदामा/ईएमएस 27 अक्टूबर 2025