राज्य
27-Oct-2025


भोपाल(ईएमएस)। सर्वोच्च न्यायालय ने छात्रों में आत्महत्या की बढ़ती घटनाओं को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की है। न्यायालय ने 24 मार्च 2025 को राष्ट्रीय टास्क फोर्स (NTF) का गठन किया है टास्क फोर्स की अध्यक्षता न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) एस. रवीन्द्र भट कर रहे हैं। इस टास्क फोर्स में शिक्षा, मानसिक स्वास्थ्य, मानवाधिकार और छात्र कल्याण के क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञ शामिल हैं। टास्क फोर्स का उद्देश्य छात्रों में आत्महत्या के कारणों का अध्ययन करना, शैक्षणिक संस्थानों में मानसिक स्वास्थ्य को मजबूत बनाने के उपाय सुझाना और आत्महत्या की घटनाओं को रोकने के लिए व्यवहारिक नीतियाँ तैयार करना है। इसमें रैगिंग, भेदभाव, शैक्षणिक दबाव और वित्तीय तनाव जैसे पहलुओं पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। भारत में 60,000 से अधिक उच्च शिक्षा संस्थानों में लगभग 4.46 करोड़ विद्यार्थी और 16 लाख से अधिक फैकल्टी सदस्य अध्ययन एवं अध्यापन में लगे हैं। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के अनुसार वर्ष 2022 में 13,044 छात्रों ने आत्महत्या की जो देश में दर्ज कुल आत्महत्याओं का 7.6 प्रतिशत है। यह स्थिति तत्काल और संवेदनशील कदमों की मांग करती है। अब तक टास्क फोर्स ने दिल्ली, हरियाणा, कर्नाटक और तमिलनाडु के 13 संस्थानों का दौरा किया है। इन दौरों में छात्रों, फैकल्टी और प्रशासन से संवाद कर मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी चुनौतियों और सुझावों को समझा गया। सामाजिक रूप से वंचित समूहों, आरक्षित वर्ग के विद्यार्थियों, चिकित्सा विद्यार्थियों, विकलांगता अधिकार कार्यकर्ताओं और नागरिक समाज के विचार भी लिए गए हैं ताकि हर दृष्टिकोण को शामिल किया जा सके। राष्ट्रीय स्तर पर ऑनलाइन सर्वेक्षण के माध्यम से व्यापक भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है। अब तक 80,000 से अधिक विद्यार्थी, 10,000 से अधिक फैकल्टी सदस्य, 15,000 से अधिक अभिभावक, 700 मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ और 8,000 नागरिक अपनी राय दे चुके हैं। यह पहल नीति निर्माण में जनसहभागिता का सशक्त उदाहरण बन रही है। उच्च शिक्षा विभाग ने UGC, AICTE, NMC और अन्य नियामक संस्थाओं को निर्देश दिए हैं कि वे विश्वविद्यालयों और कॉलेजों से छात्र सहायता तंत्र, मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं, आत्महत्या और ड्रॉपआउट से जुड़े आँकड़े तथा शिकायत निवारण व्यवस्था की जानकारी शीघ्र साझा करें। प्रत्येक संस्थान को सर्वेक्षण जल्द पूरा करने के लिए कहा गया है। राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में नियुक्त नोडल अधिकारी भी स्थानीय स्तर पर समन्वय कर रहे हैं और अपनी चुनौतियाँ व श्रेष्ठ प्रथाएँ राष्ट्रीय टास्क फोर्स के साथ साझा कर रहे हैं। राष्ट्रीय टास्क फोर्स सभी शैक्षणिक संस्थानों, विद्यार्थियों, अभिभावकों, फैकल्टी और मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों से अपील करती है कि वे सर्वेक्षण में सक्रिय भागीदारी करें और छात्र कल्याण को सशक्त बनाने में सहयोग दें। हरि प्रसाद पाल / 27 अक्टूबर, 2025