व्यापार
29-Oct-2025
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स्पैम और फ्रॉड कॉल पर लगेगी रोक, 4जी-5जी नेटवर्क पर होगी शुरुआत मुंबई (ईएमएस)। दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने मोबाइल कॉलिंग को अधिक सुरक्षित और पारदर्शी बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। अब कॉलिंग नेम प्रेजेंटेशन (सीएनएपी) सेवा सभी उपभोक्ताओं को डिफॉल्ट रूप से उपलब्ध कराई जाएगी। इस सुविधा के तहत कॉल आने पर केवल नंबर ही नहीं, बल्कि कॉलर का नाम भी स्क्रीन पर दिखाई देगा। यदि कोई उपभोक्ता यह सेवा नहीं चाहता, तो उसे ऑप्ट-आउट करने का विकल्प मिलेगा। पहले यह सेवा केवल उपयोगकर्ता की सहमति के बाद सक्रिय करने (ऑप्ट-इन) का प्रस्ताव था, लेकिन अब डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशन (डीओटी) के सुझावों के अनुसार ट्राई ने इसे डिफॉल्ट मोड में लागू करने पर सहमति दे दी है। ट्राई का मानना है कि इससे स्पैम, फ्रॉड और फर्जी कॉल्स पर रोक लगेगी, क्योंकि उपभोक्ता कॉल उठाने से पहले कॉलर की पहचान जान सकेंगे। सेवा का पहला चरण 4जी और 5जी नेटवर्क्स पर लागू होगा, क्योंकि इन नेटवर्क्स में आवश्यक तकनीकी ढांचा पहले से मौजूद है। बाद में इसे 2जी और 3जी नेटवर्क्स तक बढ़ाया जाएगा। ट्राई ने स्पष्ट किया है कि टेलीकॉम लाइसेंस की शर्तों में संशोधन किया जाएगा और आने वाले समय में भारत में बेचे जाने वाले सभी स्मार्टफोन्स में सीएनएपी सपोर्ट अनिवार्य होगा। कॉलर का नाम टेलीकॉम कंपनियों के केवायसी और कस्टमर एप्लीकेशन फॉर्म (सीएएफ) डेटा के आधार पर दिखाया जाएगा, जिससे गलत जानकारी प्रदर्शित होने की संभावना कम रहेगी। बड़ी कंपनियों और बिजनेस लाइनों को अपने कॉलर आईडी में सत्यापित ब्रांड नाम दिखाने की अनुमति होगी। सतीश मोरे/29अक्टूबर