तबीयत बिगड़ी तो अस्पताल पहुंचा आक्रोशित शिक्षकों ने अंबेडकर चौराहे पर किया चक्काजाम गुना (ईएमएस) | एसआईआर और बीएलओ संबंधी कार्यों को लेकर प्रशासन द्वारा शिक्षकों पर लगातार दबाव डाले जाने के विरोध ने शुक्रवार को गंभीर रूप ले लिया। पीजी कॉलेज में आयोजित बीएलओ प्रशिक्षण के दौरान एक ह्दयरोगी शिक्षक की तबियत अचानक बिगड़ गई और वे बेहोश होकर गिर पड़े। आरोप है कि शिक्षक द्वारा अपनी स्वास्थ्य स्थिति बताते हुए बीएलओ ड्यूटी से छूट देने का निवेदन करने पर अधिकारियों ने उनकी बात सुनने के बजाय उल्टा सस्पेंड करने की धमकी दे दी। इससे तनाव में उनकी हालत और खराब हो गई। साथी शिक्षक उन्हें तत्काल जिला अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां उनका इलाज जारी है और स्थिति गंभीर बताई जा रही है। घटना से नाराज शिक्षकों ने दोपहर बाद अंबेडकर चौराहे पर चक्काजाम कर कड़ी नाराजगी जताई। यह घटना शुक्रवार दोपहर पीजी कॉलेज में आयोजित बीएलओ अधिकारियों के प्रशिक्षण के दौरान हुई। जानकारी के अनुसार वृद्ध शिक्षक चंद्रप्रकाश भट्ट जो ह्दयरोग से पीडि़त हैं, की बीएलओ ड्यूटी स्थल से करीब 12 किलोमीटर दूर के क्षेत्र में लगाई गई थी। प्रशिक्षण के दौरान उन्होंने अधिकारियों से कहा कि उनकी तबियत ठीक नहीं रहती और वे इतनी दूर जाकर लगातार घर-घर सर्वे नहीं कर पाएंगे। साथ ही उन्होंने संबंधित बीमारियों के दस्तावेज दिखाकर छूट का अनुरोध किया। लेकिन उपस्थित अधिकारियों ने बात सुनने के बजाय उन पर कार्रवाई और निलंबन की चेतावनी दे दी। आरोप है कि तहसीलदार कमल मंडेलिया द्वारा भी कड़ा व्यवहार करते हुए दबाव बनाया गया। बताया गया कि मानसिक तनाव और घबराहट बढऩे से चंद्रप्रकाश वहीं प्रशिक्षण स्थल पर बेसुध होकर गिर पड़े। साथी शिक्षक उन्हें जिला अस्पताल लाए, जहां चिकित्सकों ने उनकी स्थिति गंभीर बताई। मामले की जानकारी मिलते ही अन्य शिक्षक भी अस्पताल पहुंचे और इसी बीच घटना को लेकर शिक्षकों में आक्रोश फैल गया। चिकित्सक साथियों ने कहा कि प्रशासन और अधिकारी लगातार गैर-शैक्षणिक कार्यों का अत्यधिक दबाव डाल रहे हैं, जिससे शिक्षक वर्ग मानसिक रूप से परेशान है। बाद में बड़ी संख्या में शिक्षक अंबेडकर चौराहे पर एकत्र हुए और मुख्य मार्ग पर चक्का जाम कर विरोध प्रदर्शन किया। शिक्षकों ने नारेबाजी करते हुए कहा कि उनसे केवल शैक्षणिक गतिविधियों से जुड़े कार्य ही लिए जाएं। गैर-शैक्षणिक और फील्ड सर्वे आधारित कार्यों के कारण शिक्षक न तो विद्यालय में पठन-पाठन सही से कर पा रहे हैं और न ही स्वयं व परिवार को समय दे पा रहे हैं। इधर, घटना की जानकारी पर तहसीलदार जीएस बैरवा और अन्य अधिकारी अस्पताल पहुंचे और शिक्षक की स्थिति की जानकारी ली। मेरे पिताजी को कुछ हुआ तो अधिकारी होंगे जिम्मेदार-बेटा इस बारे में उनके बेटे गौरव ने बताया कि उनके पिताजी वृद्ध हैं, और उनकी ड्यूटी बीएलओ के लिए लगा दी थी। जिस जगह ड्यूटी लगाई थी वह विद्यालय से करीब 12 किमी दूर है। आज पीजी कॉलेज में प्रशिक्षण जारी था। इसी दौरान उन्होंने अपनी पीड़ा अधिकारियों के समक्ष रखी कि वह ह्दय रोगी हैं। लेकिन वहां पर उपस्थित अधिकारियों ने उनकी बात नहीं सुनी और उल्टे सस्पेंड करने की धमकी दी। जिसके बाद उनकी हालत बिगड़ी और बेहोश हो गए। मौके पर मौजूद तहसीलदार कमल मंडेलिया ने उन्हें धमकाया। मौके पर मौजूद अधिकारियों के दुव्र्यवहार के कारण उनकी स्थिति बिगड़ी। अभी अस्पताल में भर्ती हैं और होश नहीं आया है। छोटे कर्मचारियों पर इस तरह का दबाव और दुव्र्यवहार किया जा रहा है। यदि मेरे पिजाजी को कुछ होता है तो उसके लिए अधिकारी जिम्मेदार होंगे। सीताराम नाटानी (ईएमएस)