व्यापार
02-Nov-2025


मुंबई (ईएमएस)। अडानी समूह की सीमेंट कंपनी सांघी इंडस्ट्रीज ने वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही के नतीजे जारी कर दिए हैं, इसमें कंपनी ने राजस्व में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, लेकिन मुनाफे के मोर्चे पर वह फिर कमजोर साबित हुई है। दूसरी तिमाही में कंपनी की नेट सेल्स 284.93 करोड़ रही, जो बीती तिमाही की तुलना में 16.12 प्रतिशत और सालाना आधार पर 88.07 प्रतिशत की बढ़ोतरी दिखाती है। यह उछाल सीमेंट की बेहतर मांग और गुजरात स्थित प्लांट में बढ़ी उत्पादन क्षमता का परिणाम माना जा रहा है। हालांकि, बढ़े हुए राजस्व के बावजूद ऑपरेटिंग प्रॉफिट केवल 24.87 करोड़ रहा और ऑपरेटिंग मार्जिन 8.73 प्रतिशत पर आ गया, जो पिछली तिमाही के 10.36 प्रतिशत से 163 बेसिस पॉइंट नीचे है। कंपनी के लिए सबसे बड़ी चिंता ब्याज खर्च का बढ़ना, जिसने मुनाफे की पूरी संभावना को खत्म किया। इस तिमाही में 52.90 करोड़ का ब्याज खर्च कंपनी के ऑपरेटिंग प्रॉफिट का 213 प्रतिशत रहा, जबकि 92.89 करोड़ के मूल्यह्रास को जोड़ने पर कुल खर्च 145.79 करोड़ तक पहुंच गया। यानी कंपनी का वास्तविक खर्च उसके ऑपरेटिंग प्रॉफिट से छह गुना अधिक रहा। इस वजह से लाभ अर्जित करना फिलहाल असंभव हो गया है। वित्त वर्ष की पहली छमाही में कंपनी की कुल बिक्री 530.31 करोड़ रही, जो सालाना आधार पर 41.61 प्रतिशत ज्यादा है, लेकिन कंपनी को 191.95 करोड़ का शुद्ध घाटा उठाया है। इससे पहले पिछले वित्त वर्ष में कंपनी का ऑपरेटिंग कैश फ्लो-248.55 करोड़ रहा था, जो बताता है कि घाटा अब सिर्फ कागज़ों पर नहीं बल्कि वास्तविक नकद प्रवाह को भी प्रभावित कर रहा है। मार्च 2025 तक कंपनी पर 2,485 करोड़ का दीर्घकालिक कर्ज था, जो पिछले साल की तुलना में करीब 19 प्रतिशत ज्यादा है। इसका असर कंपनी के डेब्ट-टू-इक्विटी अनुपात (4.06) में साफ झलकता है, जो इस सीमेंट क्षेत्र की सबसे ज्यादा लीवरेज्ड कंपनियों में शामिल करता है। भारी कर्ज और घटती लाभप्रदता ने निवेशकों का भरोसा भी कमजोर किया है। आशीष दुबे / 02 नवबंर 2025