क्षेत्रीय
02-Nov-2025
...


भोपाल (ईएमएस) । पीड़ित: एडवोकेट शमसुल हसन, निवासी 165-ए हाउसिंग बोर्ड कोहेफिजा। शमसुल हसन लगभग तीन घंटे तक डिजिटल अरेस्ट की स्थिति में रहे। उन्हें पुणे एटीएस (एंटी-टेररिस्ट स्क्वाड) का नाम लेते हुए एक फोन आया, जिसमें उन्हें पहलगाम मामले में दोषी बताकर उनके परिवार को डराया गया। डिजिटल अरेस्ट एक आम साइबर फ्रॉड तकनीक है जहाँ धोखेबाज व्यक्ति को वीडियो कॉल पर या लगातार कॉल करके एक जगह पर रुकने और किसी से बात न करने के लिए मजबूर करते हैं, ताकि वे डर के मारे पैसे ट्रांसफर कर दें। पुलिस की कार्रवाई: परिवार ने तत्काल थाना कोहेफिजा को सूचना दी। थाना प्रभारी आई.के.जी. शुक्ला तुरंत 165-ए हाउसिंग बोर्ड कोहेफिजा पहुँचे। परिणाम: पुलिस ने परिवार को तत्काल सुरक्षा प्रदान की और 4 घंटे के भीतर स्थिति को नियंत्रण में ले लिया, जिससे बड़ा साइबर फ्रॉड होने से पहले ही रुक गया। पुलिस द्वारा अज्ञात नंबर पर कॉल करने पर कॉल नहीं उठा। पुलिस इस मामले में गहरी जांच कर रही है, और वरिष्ठ अधिकारियों ने तत्काल मामले को संज्ञान में लिया है। जुनेद/02नवंबर2025