अंतर्राष्ट्रीय
04-Nov-2025


वाशिंगटन,(ईएमएस)। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ड्रग तस्करी से निपटने के लिए मैक्सिको में अमेरिकी सेना और खुफिया अधिकारियों को भेजने की तैयारी कर रहे हैं। इस मिशन में सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी (सीईए) भी शामिल हो सकती है। बात दें कि मैक्सिको में ड्रग कार्टेल्स, उनकी लैब और सरगनाओं को निशाना बनने के लिए ट्रंप इस अभियान को मंजूरी दे सकते है। बताया गया हैं कि अमेरिकी सेना भेजने का अंतिम फैसला अभी नहीं लिया गया है। बताया जा रहा हैं कि इस मिशन में खुफिया अधिकारी शामिल हो सकते हैं। ये टीमें सीईए के अधिकार क्षेत्र में काम कर सकती हैं। ड्रग लैब्स और कार्टेल सरगनाओं को निशाना बनाने के लिए ड्रोन स्ट्राइक की योजना है। प्लान के मुताबिक, मैक्सिको की जमीन पर भी ऑपरेशन हो सकता है, लेकिन सेना भेजने का अंतिम फैसला ट्रम्प जल्द ले सकते है। अमेरिकी विदेश विभाग ने 6 मेक्सिकन कार्टेल्स, एमएस-13 गैंग और वेनेज़ुएला के ‘ट्रेन डे अरागुआ’ को विदेशी आतंकी संगठन (एफटीओ) घोषित किया था। इस दर्जे से अमेरिकी सेना और सीईए को गुप्त ऑपरेशंस करने की खुली छूट मिल जाती है, जिससे उन्हें कार्टेल्स के खिलाफ सशस्त्र संघर्ष शुरू करने में आसानी होती है। मैक्सिको को दुनिया के सबसे बड़े ड्रग तस्करी नेटवर्क का गढ़ माना जाता है। मैक्सिको से कोकीन, हेरोइन, मेथ और खतरनाक फेंटेनाइल जैसे ड्रग्स अमेरिका तक पहुंचते हैं। अमेरिकी एजेंसियों के अनुसार, देश में ड्रग की सबसे बड़ी सप्लाई मेक्सिकन कार्टेल्स से होती है, जिससे अमेरिका में हर साल लाखों लोग नशे की लत का शिकार होते हैं और हजारों मौतें होती हैं। मेक्सिकन कार्टेल्स इतने शक्तिशाली हैं कि वे कई इलाकों में पुलिस और सरकार को चुनौती देते हैं, जिससे स्थानीय प्रशासन उन्हें रोकने में असफल रहता है। आशीष दुबे / 04 नवंबर 2025