अंतर्राष्ट्रीय
04-Nov-2025


काहिरा,(ईएमएस)। न सिर्फ मिस्र के लिए बल्कि दुनियां के लिए किसी बड़े रहस्य के समान रही तूतनखामुन की कब्र 3300 साल बाद ख्रोली गई। इसके साथ ही शुरु चर्चा में आ गया फेरो के श्राप का लेखा-जोखा भी। दरअसल मिस्र की रेतीली घाटियों में दफन इतिहास ने दुनिया को उस वक्त हैरान कर दिया, जब करीब 3300 साल बाद प्राचीन मिस्री फराओ तूतनखामुन की कब्र खोली गई। यहां बताते चलें कि वर्ष 1922 में ब्रिटिश पुरातत्वविद् हॉवर्ड कार्टर ने ‘वैली ऑफ किंग्स’ में खुदाई के दौरान इस अद्भुत खोज को अंजाम दिया था। कब्र के दरवाज़े खुलते ही सोने-चांदी, दुर्लभ कलाकृतियों और प्राचीन मिस्र की अनमोल धरोहरों का खजाना सामने आया। कहा जाता है कि यहां से कुल 5398 वस्तुएं मिलीं, जिनमें 11 किलो सोने का मशहूर ‘डेथ मास्क’ भी शामिल था। लेकिन इस महान खोज से अधिक चर्चा उस रहस्य की हुई, जिसने पूरी दुनिया को झकझोर कर दिया, ‘तूतनखामुन का श्राप’। कहा जाता है, जैसे ही यह कब्र खोली गई, खुदाई दल से जुड़े कई लोगों की रहस्यमयी परिस्थितियों में मौत हो गई। सबसे पहले खोजी अभियान के फंडदाता लॉर्ड कार्नार्वन की अचानक हुई मृत्यु ने सनसनी फैला दी। इसके बाद अन्य सदस्यों की असामान्य मौतों ने “फेरो का श्राप” की कहानियों को जन्म दे दिया। अखबारों ने दावा किया कि कब्र पर एक चेतावनी अंकित थी— जो राजा की नींद भंग करेगा, उसका अंत निश्चित है। हालांकि इतिहासकारों और वैज्ञानिकों का मानना है कि इन घटनाओं के पीछे कोई रहस्यमय शक्ति नहीं, बल्कि वैज्ञानिक कारण थे। पुरानी कब्रों में जमा बैक्टीरिया, फंगस और जहरीली गैसें मानव शरीर के लिए खतरनाक हो सकती हैं। कई विशेषज्ञों ने माना कि मौतों का कारण संक्रमण और उस दौर की सीमित चिकित्सा सुविधाएं रहीं। खुद हॉवर्ड कार्टर 1939 तक जीवित रहे, जिससे “श्राप” की धारणा कमजोर पड़ गई। तूतनखामुन मिस्र के 18वें राजवंश के शासक थे और मात्र 9 वर्ष की आयु में राजा बने थे। डीएनए शोध बताते हैं कि वे कई जन्मजात बीमारियों से ग्रस्त थे और 19 साल की उम्र में उनकी मृत्यु हुई। अचानक मृत्यु के कारण उनकी कब्र अपेक्षाकृत छोटी और साधारण बनी। आज भी तूतनखामुन का नाम रहस्य, इतिहास और विज्ञान के अद्भुत संगम का प्रतीक है। ‘फेरो का श्राप’ भले ही वैज्ञानिक रूप से सिद्ध न हो सका हो, लेकिन यह आज भी इतिहास प्रेमियों और रहस्य खोजने वालों की कल्पना में जीवित है। हिदायत/ईएमएस/04/11/2025