:: बुंदेलखंड की शेरनी ने 47 साल का सूखा खत्म कराया; सीएम ने 1 करोड़ की घोषणा कर बढ़ाया सम्मान :: भोपाल/इंदौर (ईएमएस)। क्रिकेट मैदान की बाउंड्री लाइन से लेकर विश्व विजेता बनने तक का सफर... यह किसी परी कथा से कम नहीं, लेकिन यह सच है बुंदेलखंड की क्रांति गौड़ का। वह लड़की, जो गरीबी और सामाजिक बंधनों को चुनौती देकर आगे बढ़ी, आज भारतीय क्रिकेट की सबसे बड़ी पहचान बन चुकी है। छतरपुर के छोटे से गाँव घुवारा की इस अदम्य योद्धा ने वर्ल्ड कप 2025 में अपने प्रदर्शन से देश को झूमने पर मजबूर कर दिया। :: टूटे सपनों से तराशा भविष्य :: एक साधारण परिवार में जन्मी क्रांति ने बचपन में गाँव के टूर्नामेंट्स में बॉल गर्ल बनकर गेंद उठाई। किसे पता था, यही हाथ एक दिन भारत के लिए विश्व कप की ट्रॉफी थामेंगे! जब उनके पुलिसकर्मी पिता की नौकरी गई, तो परिवार पर पहाड़ टूट पड़ा। आठवी कक्षा में पढ़ाई छूटने के बावजूद क्रांति ने हार नहीं मानी। उन्होंने बैट और बॉल को अपना भविष्य मान लिया। उनकी प्रतिभा को 2017 में साईं क्रिकेट एकेडमी के कोच राजीव बिल्थारे ने पहचाना। कोच ने न सिर्फ फीस माफ की, बल्कि खेल सामग्री और रहने का खर्च उठाकर इस असाधारण प्रतिभा को उड़ने के लिए आसमान दिया। :: रिकॉर्ड तोड़ प्रदर्शन से टीम इंडिया में एंट्री :: टेनिस बॉल से लेदर बॉल तक के सफर में क्रांति ने लगातार अपनी छाप छोड़ी। 2023-24 में मध्यप्रदेश की सीनियर टीम में शामिल होने के बाद, उनके शानदार ऑलराउंड प्रदर्शन की बदौलत टीम ने अपना पहला घरेलू वनडे खिताब जीता। इसी प्रदर्शन ने उन्हें WPL-2025 में UP Warriorz की टीम में ₹10 लाख दिलाए। अंतर्राष्ट्रीय मंच पर उनका उदय बिजली की रफ्तार से हुआ। श्रीलंका के खिलाफ वनडे डेब्यू के बाद, इंग्लैंड दौरे में उन्होंने 6 विकेट मात्र 52 रन पर झटककर अपनी गेंदबाजी का लोहा मनवाया और भारतीय क्रिकेट के गलियारों में सनसनी मचा दी। :: वर्ल्ड कप की सरताज :: वर्ष 2025 के आईसीसी महिला वर्ल्ड कप में उनका योगदान निर्णायक रहा। उनकी धारदार गेंदबाजी और संकटमोचक बल्लेबाजी ने भारत को 47 साल बाद विश्व खिताब दिलाने में केंद्रीय भूमिका निभाई। उनकी इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने तत्काल ₹1 करोड़ के पुरस्कार की घोषणा कर उनका सम्मान बढ़ाया। क्रांति गौड़ की कहानी आज पूरे देश की हज़ारों बेटियों के लिए प्रेरणा की ज्वाला बन चुकी है। यह साबित करती है कि अगर जुनून और हिम्मत हो, तो गरीबी या विपरीत परिस्थितियाँ कभी सफलता की राह में बाधा नहीं बन सकतीं। यह है मध्यप्रदेश की शेरनी क्रांति गौड़ की गाथा! प्रकाश/04 नवम्बर 2025