अंतर्राष्ट्रीय
05-Nov-2025
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-यह प्रावधान भारत से अस्थायी वीजा आवेदकों की धोखाधड़ी को रोकने वाला कदम ओटावा,(ईएमएस)। कनाडा जाने की चाह रखने वाले भारतीयों को झटका लग सकता है। कनाडाई सरकार संसद में लंबित विधेयक के जरिए अस्थायी वीजा को रद्द करने की शक्ति चाहती है, जिसका इस्तेमाल भारत से आने वाले फर्जी आवेदनों को रोकने के लिए किया जा सकता है। मीडिया रिपोर्ट में आईआरसीसी, सीबीएसए और अमेरिकी विभागों के हवाले बताया है कि इस प्रावधान को भारत से अस्थायी वीजा आवेदकों की धोखाधड़ी को रोकने वाला कदम बताया है। विधेयक में कहा गया है कि महामारी या युद्ध के समय ढेर सारे वीजा एक साथ रद्द किए जा सकते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक कनाडाई अधिकारी इनमें से कुछ खास देशों के वीजा धारकों को निशाना बनाना चाहते हैं। अस्थायी निवासियों में काम करने वाले, विदेशी छात्र और घूमने आने वाले लोग शामिल हैं। यह नियम कनाडा की सीमाओं को मजबूत करने वाले कानून का हिस्सा बताया जा रहा है। इमिग्रेशन वकील ने बताया था कि अगर लिबरल सरकार का स्ट्रॉन्ग बॉर्डर्स बिल पास हो जाता है, तो हजारों आवेदन एक झटके में रद्द हो सकते हैं, क्योंकि इससे मंत्री को बहुत बड़ी ताकत मिल जाएगी। उन्होंने कहा कि 2007 में फाइलें इसलिए बंद कर दी गईं थी ताकि पुरानी लंबित अर्जियों का बोझ हटाया जा सके। ये बात उन्होंने तब कही जब अर्जियों को मंजूरी देने में बहुत देरी हो रही है जैसे स्टार्टअप वीजा के तहत उद्यमियों को 35 साल तक इंतजार करना पड़ता है। अभी कनाडा सरकार नए लोगों का आना कम करना चाहती है, चाहे वो स्थायी रहने वाले हों या अस्थायी। इससे भारतीयों पर सबसे ज्यादा असर पड़ा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक अगस्त 2025 में 74फीसदी भारतीय छात्रों के स्टडी परमिट रिजेक्ट हो गए हैं, जबकि 2023 के अगस्त में सिर्फ 32फीसदी ही रिजेक्ट हुए थे यानी अब भारत से पढ़ाई के लिए कनाडा जाना मुश्किल हो गया है। पीएम मार्क कार्नी की सरकार इस महीने अपनी आप्रवासन स्तर योजना पेश करने वाली है। देश में बढ़ते आप्रवासन-विरोधी भावना के कारण सरकार पर नए लोगों की संख्या कम करने का दबाव है। सिराज/ईएमएस 05 नवंबर 2025