राष्ट्रीय
05-Nov-2025
...


-पाकिस्तान ने सिखों का किया स्वागत पर हिंदू श्रद्धालुओं को नही दी इजाजत नई दिल्ली,(ईएमएस)। पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। वो किसी न किसी बहाने भारत में फूट डालने के प्रयास करता रहा है। श्री गुरु नानक देवजी के प्रकाश पर पाकिस्तान ने कुछ इसी तरह की हरकत की है। दरअसल,पर्व में शामिल होने के लिए भारत से पहला सिख जत्था पाकिस्तान पहुंच गया। इस दौरान पाकिस्तान सरकार के अधिकारियों ने सिखों का तो फूलों से स्वागत किया, लेकिन हिंदू श्रद्धालुओं को सीमा पार करने की इजाजत नहीं दी। यह कदम भारत के लिए न केवल अभूतपूर्व माना जा रहा है, बल्कि इसे ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद हिन्दुओं और सिखों के बीच दरार पैदा करने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। जानकारी के अनुसार, हिंदू श्रद्धालुओं ने वाघा बॉर्डर पर सभी इमिग्रेशन और यात्रा औपचारिकताएं पूरी कर ली थीं। वे ननकाना साहिब जाने वाली विशेष बस में सवार होने ही वाले थे कि पाकिस्तानी अधिकारियों ने अचानक उन्हें रोक दिया। रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली के श्रद्धालु अमरचंद ने बताया कि वह अपने सात परिजनों के साथ यात्रा पर थे। उन्होंने कहा, ‘हमने अटारी बॉर्डर पार किया, वाघा पहुंचे, सारी इमिग्रेशन प्रक्रिया पूरी की और टिकट भी ले ली। लेकिन बस में चढ़ने से ठीक पहले पाकिस्तानी अधिकारियों ने कहा, ‘आप हिंदू हैं, आप सिख जत्थे के साथ नहीं जा सकते।’ इसी तरह लखनऊ से आए सात श्रद्धालुओं का समूह भी लौटने को मजबूर हुआ। भारतीय अधिकारियों ने इस घटनाक्रम को ‘चौंकाने वाला और निंदनीय’ बताया है। उनका कहना है कि यह पहला मौका है जब धार्मिक यात्रियों को उनके धर्म के आधार पर अलग किया गया और रोक दिया गया। उधर भारतीय खुफिया एजेंसी से जुड़े सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान की यह कार्रवाई भविष्य में भी दोहराई जा सकती है। एजेंसियों का कहना है कि यह रवैया गुरुद्वारा दरबार साहिब, करतारपुर साहिब जाने वाले श्रद्धालुओं के साथ भी अपनाया जा सकता है। गौरतलब है कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद से करतारपुर कॉरिडोर भी बंद है। इस बार पाकिस्तान के उच्चायोग ने 2,100 से अधिक श्रद्धालुओं को वीजा जारी किया था, लेकिन केवल 1,796 सिख श्रद्धालु ही सीमा पार कर सके। करीब 300 श्रद्धालुओं को प्रोटोकॉल नियमों का पालन न करने पर रोक दिया गया, जिसके बाद उन्होंने सीमा पर विरोध प्रदर्शन भी किया, लेकिन बाद में उन्हें लौटना पड़ा। वहीं पाकिस्तान पहुंचे सिख श्रद्धालुओं का लाहौर में पंजाब प्रांत के मंत्री रमेश सिंह अरोड़ा और पाकिस्तान इवैक्यू ट्रस्ट बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारियों ने स्वागत किया। विश्लेषकों का कहना है कि पाकिस्तान का यह रवैया न केवल धार्मिक यात्राओं की भावना के विपरीत है, बल्कि इससे भारत-पाक धार्मिक कूटनीति पर भी असर पड़ सकता है। भारतीय विदेश मंत्रालय से उम्मीद की जा रही है कि वह इस घटना को लेकर इस्लामाबाद से औपचारिक विरोध दर्ज कराएगा। वीरेंद्र/ईएमएस/05नवंबर2025